कनाडा के मॉडल से बुझाएंगे उत्तराखंड के जंगलों की आग
उत्तराखंड के जंगलों में हर साल आग लगने की घटनाओं में रोकथाम के लिए वन महकमा इस बार कनाडा का मॉडल को अपनाएगा। इसके लिए मकहमे में तैयारी शुरू कर दी है।
देहरादून, [केदार दत्त]: उत्तराखंड के जंगलों में हर साल भड़कने वाली आग से यहां की पारिस्थितिकी को होने वाले नुकसान से बचने के लिए वन महकमा अब यहां कनाडा मॉडल को धरातल पर उतारने जा रहा है।
कनाडा की तर्ज पर भी पिछले एक दशक में ऐसे क्षेत्रों की पहचान की जा रही, जहां बार-बार आग लगती रही है। इन इलाकों में फायर सीजन के दरम्यान विशेष निगरानी रखने के साथ ही वहां की परिस्थितिकी के अनुरूप वनों के संरक्षण को प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। इसके लिए महकमे ने कसरत शुरू कर दी है।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड के जंगलों की आग बुझाने को ली जाएगी नासा की मदद
यह है कनाडा मॉडल
उत्तरी अमेरिकी देश कनाडा भी दुनिया के उन देशों में शामिल है, जहां हर साल बड़े पैमाने पर वनों में आग लगती है। इससे निबटने को कनाडा सरकार ने नायाब तरीका खोजा है, जिसे उत्तराखंड में भी अमल में लाया जा रहा है।
मुख्य वन संरक्षक (आइटी) विद्यासागर बताते हैं कि जंगल की आग को लेकर विश्वभर के देशों की स्थिति का अध्ययन किया गया। इसमें कनाडा और उत्तराखंड की स्थिति लगभग समान पाई गई।
यह भी पढ़ें: मनकोट की जंगल में लगी आग, लाखों की वन संपदा राख
कनाडा में बर्फ गलाने के मकसद से जंगलों में आग लगाई जाती रही तो उत्तराखंड में अच्छी घास के लिए। इसे देखते हुए कनाडा सरकार ने ऐसा डेटा जुटाया, जिससे यह पता चले कि किस क्षेत्र में सबसे अधिक और बार-बार आग लग रही है।
ऐसे क्षेत्र चिह्नित करने के बाद उनमें विशेष निगरानी रखने के साथ ही वनों को बचाने के साथ ही पारिस्थितिकीय तंत्र की मजबूती को कदम उठाए गए, जिसके सार्थक नतीजे सामने आए। इसे ही कनाडा मॉडल कहा जाता है।
यह भी पढ़ें: उच्च न्यायालय के आदेश के बाद हरकत में आया वन विभाग
राज्य में हो रही कसरत
विद्यासागर बताते हैं कि उत्तराखंड में सभी वन प्रभागों के साथ ही नेशनल पार्क व अभयारण्यों में ऐसे स्थल चिह्नित किए जा रहे हैं, जहां पिछले एक दशक में बार-बार आग लगी है। यह प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
इन क्षेत्रों में विशेष निगरानी के साथ ही वहां अन्य कदम उठाए जाएंगे। इसकी प्रॉपर मॉनीटरिंग भी कराई जाएगी। इस पूरी पहल में लोगों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी।
उत्तराखंड में वनों पर एक नजर
कुल भौगोलिक क्षेत्रफल---------------53483
वनों का क्षेत्रफल-----------------------37999.60
वन विभाग के अधीन वन क्षेत्र-------25863.18
पंचायतों के अधीन---------------------7350.85
राजस्व विभाग के अधीन-------------4768.70
पालिका व छावनी के अधीन---------156.40
प्रति व्यक्ति वन क्षेत्र------------------0.376
(नोट: प्रति व्यक्ति वन क्षेत्र हेक्टेयर में और शेष आंकड़े वर्ग किमी में)
यह भी पढ़ें: रानीखेत में धू-धू कर जला भावी मिनी कॉर्बेट, लाखों का नुकसान
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।