उत्तराखंडः पहाड़ों से बरस रहे पत्थर, पांच घर क्षतिग्रस्त
समूचे उत्तराखंड में रुक-रुक कर बारिश हो रही है। पिथौरागढ़ जिले में पांच घर क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि दर्जनों मकान खतरे की जद में हैं।
देहरादून, [जेएनएन]: उत्तराखंड में मानसून सितम ढा रहा है। लगातार बारिश से विशेषकर पर्वतीय इलाकों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। समूचे उत्तराखंड में रुक-रुक कर बारिश हो रही है। पिथौरागढ़ जिले में पांच घर क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि दर्जनों मकान खतरे की जद में हैं। भारी बारिश को देखते हुए चंपावत जिले में दो दिन के लिए स्कूल बंद करा दिए गए हैं। वहीं, मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों में राज्य में आमतौर पर बादल छाये रहेंगे। अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा अथवा गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं।
पिथौरागढ़, चंपावत के साथ ही नैनीताल जिले में दो दर्जन से ज्यादा मार्ग बंद हैं। इधर, चारधाम यात्रा मार्गों के बंद होने व खुलने का क्रम जारी है। उर्गम घाटी को जोड़ने वाला मार्ग बाधित होने से वहां के दर्जनों गांवों के लोगों को किसी तरह पैदल आना-जाना पड़ रहा है। राज्यभर में 45 संपर्क मार्ग बंद चल रहे हैं।
लगातार हो रही बारिश से गुरुवार को कुमाऊं क्षेत्र में दुश्वारियां अधिक रहीं। पिथौरागढ़ जिले में मुनस्यारी क्षेत्र के मूर्ति, नापड़ में जोरदार बारिश व भूस्खलन से सात घरों के लिए खतरा पैदा हो गया है। इन सभी परिवारों ने अन्यत्र शरण ली है। संपर्क मार्ग व पेयजल लाइनें क्षतिग्रस्त हुई हैं। बारिश के चलते ग्रामीण सहमे हुए हैं। जिले में पांच मकानों को क्षति पहंची है। बारिश के चलते सड़क पर बोल्डर आने से मुनस्यारी-गरमपानी मार्ग बंद हो गया।
धारचूला में घटखोला पर लगातार मलबा गिरने से टनकपुर -तवाघाट हाईवे पर आवाजाही रोक दी गई है। कुंडी खोला में नाले के उफान से कई घरों में मलबा घुस गया। अल्मोड़ा जिले में पुराना चारधाम यात्रा मार्ग पर भुजान की पहाड़ी दरकने से लोग परेशान हैं।
बारिश से कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग भी बंद हो गया है। इधर, गढ़वाल मंडल में चारधाम यात्रा प्रभावित हुई है। बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री राजमार्गों पर जगह-जगह मलबा आने से इनके बंद होने व खुलने का सिलसिला बना हुआ है। फिलहाल समूचे गढ़वाल में रात से बारिश हो रही है। वहीं, चारधाम यात्रा फिलहाल सुचारु है।
नदियां उफान पर
राज्यभर में नदियां उफान पर हैं। अलकनंदा, पिंडर, मंदाकिनी, काली, गोरी, सरयू और रामगंगा नदियों का रौद्र रूप भयभीत करने लगा है। वहीं, मैदानी क्षेत्रों में भी बारिश के कारण जलभराव से दिक्कतें बढ़ी हैं। अलबत्ता, वहां लोगों को गर्मी से राहत मिली है।
चंपावत में हाइवे सहित 28 मार्ग बंद
बीती रात को थम गई बारिश फिर शुक्रवार की सुबह से तेज बरसना शुरू हो गई है। धौन के पास मलबा आने से टनकपुर-पिथौरागढ नेशनल हाईवे बंद हो गया। सड़क के दोनों ओर दर्जनों यात्री और मालवाहक वाहन फंसे हैं। इसके अलावा 27 ग्रामीण मार्ग बंद पडे हैं।
बैराज का बढ़ जलस्तर
रामनगर में रात से हो रही बारिश के चलते कोसी बैराज का जलस्तर 945 से बढ़कर 4946 क्यूसेक हो गया है। वहीं अल्मोड़ा में भारी बारिश के चलते ग्रामीण इलाकों की सड़कें बन्द हैं।
PICS: पिथौरागढ़ में भूस्खलन से सड़कें बंद, नदियां उफान पर
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