सहकारिता में भाजपा को टक्कर देगी कांग्रेस
प्रदेश में होने वाले सहकारिता चुनाव के लिए सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच कड़ा मुकाबला होने जा रहा है। कांग्रेस इस मोर्चे पर भाजपा को कड़ी टक्कर देने के मूड नजर आ रही है।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: प्रदेश में आगामी महीनों में होने वाले सहकारिता के चुनाव में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी जंग होने जा रही है। कांग्रेस इस मोर्चे पर भाजपा को कड़ी टक्कर देने के मूड में है। कांग्रेस की सहकारी संघों में पैठ को भाजपा से मिल रही चुनौती की काट भी ढूंढी जा रही है।
विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त से उबरते हुए कांग्रेस अब आगामी चुनावों के लिए कमर कस रही है। चुनाव का ये सिलसिला सबसे पहले सहकारिता से होने जा रहा है। सहकारिता के चुनाव आगामी दिसंबर माह से प्रारंभ हो जाएंगे। तीन चौथाई से ज्यादा बहुमत से सरकार बनाने वाली भाजपा सहकारिता में भी अपनी पैठ मजबूत करने में शिद्दत से जुटी है। हाल ये है कि जिन सहकारी संघों में कांग्रेस की पैठ अब तक मजबूत रहीं, उनमें से दो अहम संघों को भाजपा ने अपने पाले में खींच लिया है। राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष पद के बाद राज्य दुग्ध संघ के अध्यक्ष पद पर भी भाजपा का कब्जा हो चुका है। सत्तापक्ष की नजरें अब विपणन संघ पर है।
वहीं कांग्रेस ने भाजपा की मंशा को भांपकर सहकारिता में अपनी पैठ बनाए रखने को हाथ-पांव मारने शुरू कर दिए हैं। आगामी चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस दोनों मंडलों गढ़वाल और कुमाऊं में एक-एक संयोजकों की नियुक्ति कर चुकी है। दोनों संयोजक जिलेवार सहकारी इकाइयों का गठन भी करेंगे। निचले स्तर पर प्रारंभिक सहकारी समितियों (पैक्स) पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए कांग्रेस ने भी अभी से सावधानी बरतने की रणनीति अपनाई है। कोशिश ये भी की जा रही है कि कांग्रेस के पाले से सहकारिता के दिग्गजों को अब भाजपा में जाने से रोका जाए।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि सहकारिता में कांग्रेस की जड़ें मजबूत हैं। भविष्य में सहकारिता के चुनाव को मजबूती से लडऩे के लिए रणनीति तैयार की जा रही है। सहकारिता में संगठन को और मजबूत किया जाएगा। उन्होंने भाजपा पर सत्ता के मद में सहकारिता के राजनीतिकरण का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से सहकारी संघों पर कब्जा जमाने की कोशिश की जा रही है। यह सत्ता का दुरुपयोग है। कांग्रेस इसका मुस्तैदी से जवाब देगी।
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