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    उत्‍तराखंड: हिमाचल के नाहन में हैं कांग्रेसी विधायक

    By sunil negiEdited By:
    Updated: Sun, 03 Apr 2016 11:39 AM (IST)

    अपनों की बगावत झेल कर सत्ता बाहर हो चुकी कांग्रेस अब फूंक-फूंक कर कदम आगे बढ़ा रही है। लिहाजा पार्टी ने अपने और समर्थक सभी विधायकों को किसी भी तरह से प्रभावित किए जाने के अंदेशे को देखते हुए सुरक्षित ठिकानों पर रहने को कहा है।

    देहरादून। अपनों की बगावत झेल कर सत्ता बाहर हो चुकी कांग्रेस अब फूंक-फूंक कर कदम आगे बढ़ा रही है। लिहाजा पार्टी ने अपने और समर्थक सभी विधायकों को किसी भी तरह से प्रभावित किए जाने के अंदेशे को देखते हुए सुरक्षित ठिकानों पर रहने को कहा है। दूरदराज पर्वतीय क्षेत्रों के विधायकों को हिमाचल में अपेक्षाकृत महफूज समझे जाने वाले ठिकानों की ओर रवाना किया गया है।

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    खासतौर पर भाजपा नेता सतपाल महाराज और पार्टी से बगावत करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के करीबी समझे जाने वाले विधायकों को लेकर पार्टी ज्यादा सतर्क है। आने वाले दिनों में बहुमत परीक्षण के संभावित मौके पर गच्चा न मिले, इसके लिए निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत के करीबी विधायक पार्टी की कमजोर कडिय़ों की निगहबानी में लगे हैं। आलम ये है कि पार्टी के सभी विधायक अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों के बजाए सुरक्षित दून, हिमाचल, और दिल्ली के सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए हैं।


    प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू होने और बागियों की विधानसभा सदस्यता रद होने का मसला अब अदालत में है। अदालत में कानूनी दांव-पेच के चलते विधानसभा में बहुमत साबित करने के मामले में भी लेटलतीफी का साया साफ नजर आ रहा है। तमाम हालात के मद्देनजर कांग्रेस यह मानकर चल रही है कि विधानसभा में बहुमत साबित करने की चुनौती से उसे रूबरू होना पड़ेगा।

    दून और दिल्ली में भाजपा के दिग्गज नेताओं के उत्तराखंड में जल्द सरकार बनाने के बयानों से भी पार्टी खुद को असहज महसूस कर रही है। लिहाजा पार्टी के माथे पर इसे लेकर बल पड़े हैं कि आगे शक्ति परीक्षण के मौके पर उसे अपनों की बेवफाई दोबारा नहीं झेलनी पड़े। पिछले कई दिनों तक विधायकों को रामनगर में टिकाए रहने के बाद अब फिर कांग्रेस ने अपने विधायकों को हिमाचल समेत अन्य महफूज स्थानों पर रहने को कहा है। अभी तक देहरादून में ही अपने नजदीकी मित्रों, रिश्तेदारों के आवासों पर टिके दूरदराज के विधायकों को भी अपने विधानसभा क्षेत्रों में नहीं जाने की हिदायत दी गई है।

    साथ में उन्हें छोटे-छोटे समूहों में रहने को कहा गया है। विधायक राजेंद्र भंडारी, अनुसूया प्रसाद, जीत राम, गणेश गोदियाल, हेमेश खर्कवाल, विक्रम सिंह नेगी, मयूख महर दून के समीप ही हिमाचल प्रदेश में पांवटा और नाहन पहुंच गए थे। सिरमौर और शिमला के नजदीकी क्षेत्रों में तीन-चार के समूहों में विधायक ठहरे हुए हैं। शनिवार को मंत्री प्रसाद नैथानी, दिनेश धनै ने भी हिमाचल प्रदेश का रुख किया।

    इंदिरा हृदयेश, हरीशचंद्र दुर्गापाल शनिवार को नैनीताल में रहे, जबकि नवप्रभात, हीरा सिंह बिष्ट, राजकुमार, दिनेश अग्रवाल, दून में ही रहे। हरिद्वार जिले के बसपा विधायकों हरिदास व सरवत करीम अंसारी के अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में रहने की सूचना है, जबकि फुरकान अहमद भी दून में ही सुरक्षित ठिकाने पर बताए जाते हैं। प्रदेश कांग्रेस किशोर उपाध्याय का कहना है कि अगले एक-दो दिन में सभी विधायक सुरक्षित ठिकानों पर पहुंच जाएंगे। उन्होंने भाजपा पर होर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाया।
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