उत्तराखंड में पुनर्वास प्राधिकरण को सीएम की मंजूरी
उत्तराखंड पुनर्वास प्राधिकरण के गठन को मुख्यमंत्री ने हरी झंडी दिखा दी है। प्राधिकरण आपदा प्रभावित और उसके प्रति संवेदनशील गांवों और बसावटों के पुनर्वास में भी मददगार साबित होगा।
देहरादून, [रविंद्र बड़थ्वाल]: राज्य के लिए महत्वाकांक्षी चार धाम ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन एवं चार धाम रेलवे नेटवर्क के साथ ही जलविद्युत परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने में भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास के चलते दिक्कतें पैदा नहीं होंगी। इनके निराकरण के लिए उत्तराखंड पुनर्वास प्राधिकरण के गठन को मुख्यमंत्री ने हरी झंडी दिखा दी है। ये प्राधिकरण आपदा प्रभावित और उसके प्रति संवेदनशील गांवों और बसावटों के पुनर्वास में भी मददगार साबित होगा। अहम बात ये भी है कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनने वाले इस प्राधिकरण में टिहरी पुनर्वास निदेशालय को मर्ज किया जाएगा।
राज्य की नई सरकार उत्तराखंड पुनर्वास प्राधिकरण का गठन करने जा रही है। केंद्र की मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल चार धाम ऑल वेदर रोड, चार धाम रेलवे नेटवर्क और विभिन्न रेल परियोजनाओं के साथ ही पंचेश्वर बांध जैसी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व की जलविद्युत परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास किया जाना है।
इस वजह से परियोजनाओं के निर्माण में देरी नहीं होगी। प्राधिकरण के जरिए इस कार्य को पारदर्शिता व प्राथमिकता के साथ किया जाएगा। उत्तराखंड में आपदा के प्रति संवेदनशील सैकड़ों गांवों का पुनर्वास होना है। इस काम में भी प्राधिकरण अहम भूमिका निभाएगा।
टिहरी बांध परियोजना के विस्थापितों के पुनर्वास में पेश आई परेशानियों और इससे संबंधित समस्याओं का आज तक निदान नहीं होने की वजह से राज्य सरकार ने उक्त प्राधिकरण के गठन का निर्णय लिया है। प्राधिकरण बनने के बाद भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास का कार्य किसी अन्य एजेंसी से कराने और इसमें तकनीकी पेच के चलते विस्थापन से जुड़ी समस्याओं का समाधान मुमकिन होगा।
प्राधिकरण के अध्यक्ष मुख्य सचिव होंगे। इसमें परियोजनाओं से संबंधित महकमों के प्रमुख सचिव सदस्य रहेंगे। संबंधित इंजीनियङ्क्षरग विभाग के मुख्य अभियंता भी प्राधिकरण में बतौर सदस्य शामिल किए जाएंगे। नए प्राधिकरण में टिहरी पुनर्वास निदेशालय का विलय भी किया जाएगा।
निदेशालय के स्टाफ का समायोजन भी प्राधिकरण में किया जाएगा। मुख्य सचिव की ओर से इस संबंध में मसौदा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के समक्ष रखा गया। इस मसौदे को मुख्यमंत्री ने सहमति दी है। नया प्राधिकरण जल्द अस्तित्व में आएगा।
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