Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सुरक्षित व शानदार होंगी चारधाम की सड़कें, काम शुरू

    By sunil negiEdited By:
    Updated: Wed, 15 Jun 2016 11:00 AM (IST)

    उत्तराखंड में चारधाम यात्र के लिए ऋषिकेश से गौरीकुंड तक तथा टनकपुर से पिथौरागढ़ तक सात सड़कों को बेहतर व सुरक्षित बनाने की केंद्र की योजना पर काम शुरू हो गया है।

    देहरादून [जेएनएन]: उत्तराखंड में चारधाम यात्र के लिए ऋषिकेश से गौरीकुंड तक तथा टनकपुर से पिथौरागढ़ तक 889 किलोमीटर की कुल लंबाई वाली सात सड़कों को बेहतर व सुरक्षित बनाने की केंद्र की योजना पर काम शुरू हो गया है।
    तकरीबन 11,700 करोड़ रुपये कुल लागत के इस कार्यक्रम में अब तक 750 करोड़ रुपये के निर्माण कार्यो को मंजूर दी जा चुकी हैं और टेंडर भी मांग लिए गए हैं। जबकि बाकी हिस्सों के लिए भूमि अधिग्रहण व वन मंजूरी हासिल करने के प्रयास जारी हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पढ़ें:- बदरीनाथ और केदारनाथ में श्रद्धालुओं का आंकड़ा पहुंचा 5.86 लाख

    परियोजना को 2020 तक पूरा करने का प्रस्ताव है। इन सात राजमार्ग परियोजनाओं में एनएच-58 पर ऋषिकेश से रुद्रप्रयाग तक 140 किलोमीटर तथा रुद्रप्रयाग से माना गांव तक 160 किलोमीटर, एनएच-94 पर ऋषिकेश से धरासू तक 144 किलोमीटर, एनएच-108 पर धरासू से गंगोत्री तक 124 किलोमीटर तथा एनएच-94 पर धरासू से यमुनोत्री तक 95 किलोमीटर तथा एनएच-109 पर रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड तक 76 किलोमीटर सड़क का निर्माण शामिल है।
    इसके अलावा एनएच-125 पर टनकपुर से पिथौरागढ़ तक 150 किलोमीटर लंबे सड़क मार्ग को भी चौड़ा किया जाएगा। इन सड़कों के निर्माण के बाद बद्रीनाथ, केदारनाथ तथा गंगोत्री और यमुनोत्री का सड़क का सफर अपेक्षाकृत आसान और निरापद हो जाएगा।

    पढ़ें:- तीर्थयात्री सतर्क होकर बढ़ा रहे चारधाम की ओर कदम

    परियोजना के तहत मौजूदा राजमार्गो में जहां-जहां भी संकरापन है उसे चौड़ा किया जाएगा। खासकर संकरे पुलों तथा मोड़ों व घुमावों की चौड़ाई बढ़ाई जाएगी। इसके अलावा भीतरी किनारों पर भूस्खलन व चट्टानों से सुरक्षा के उपाय किए जाएंगे। जबकि बाहरी किनारों पर उच्च कोटि के मजबूत क्रैश बैरियर लगाए जाएंगे।
    जहां-जहां संभव होगा वहां सुरंगें, एलीवेटेड कारीडोर तथा बाईपास बनाकर यात्रा मार्ग की लंबाई घटाने व सुरक्षा स्तर बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। इस तरह बनने वाली सड़कें बारहमासी होने के साथ वर्षा एवं भूस्खलन से होने वाले नुकसानो से भी सुरक्षित रहेंगीं।

    पढ़ें:- आस्था मौसम के बदलते मिजाज के आगे भारी, 4.83 लाख श्रद्धालु पहुंचे बदरी-केदार के द्वार

    comedy show banner
    comedy show banner