उत्तराखंड: अत्यधिक मानवीय दखल से मिट्टी से भी छूटा कार्बन
उत्तराखंड के वनों की मिट्टी की बात करें तो अत्यधिक मानवीय दखल से कार्बन स्टॉक की क्षमता तेजी से कम हो रही है।
देहरादून, [सुमन सेमवाल]: वन जितने घने और मानव दखल से अछूते होंगे, उनके कार्बन डाईऑक्साइड सोखने और उसके स्टॉक की क्षमता उतनी ही अधिक होगी। इसका असर संबंधित वनों की मिट्टी में भी नजर आता है, क्योंकि पेड़ व उनके अंश सड़-गलकर मिट्टी में मिल जाते हैं।
उत्तराखंड के वनों की मिट्टी की बात करें तो अत्यधिक मानवीय दखल से कार्बन स्टॉक की क्षमता तेजी से कम हो रही है। दून यूनिवर्सिटी के शोध में पता चला है कि उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के मुक्तेश्वर क्षेत्र के उन वनों की मिट्टी में कार्बन स्टॉक 76.48 फीसद कम पाया गया, जिनमें मानवीय हस्तक्षेप अधिक है। इस ताजा शोध का प्रस्तुतीकरण वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआइ) में चल रहे 19वें राष्ट्रमंडल वानिकी सम्मेलन में किया जाएगा।
दून यूनिवर्सिटी की वरिष्ठ शोधार्थी अन्विता पांडे के अनुसार मिट्टी में कार्बन स्टॉक का पता लगाने के लिए वन क्षेत्रों को मानवीय दखल के हिसाब से चार भागों में बांटा गया। चारों प्रकार के वनों की मिट्टी के 360 सैंपल लिए गए और लैब में उनका परीक्षण किया गया। पता चला कि दखल से अछूते, बेहद कम दखल, मध्यम व भारी दखल वाले वन क्षेत्रों की मिट्टी में कार्बन स्टॉक उसी अनुपात में कम पाया गया। कार्बन स्टॉक के परिणाम को स्पष्ट बनाने के लिए अलग-अलग वन क्षेत्र में मिट्टी के नमूने शून्य से लेकर 10 और 30 सेंटीमीटर तक गहराई से लिए गए।
मिट्टी में कार्बन स्टॉक (प्रति टन प्रति हेक्टेयर में)
10 सेमी तक गहराई
दखल से अछूते वन: 3.4
10 फीसद दखल: 3.2
50-60 फीसद दखल: 1.6
बेहद अधिक दखल: 0.8
20 सेमी तक गहराई
दखल से अछूते वन: 03
10 फीसद दखल: 2.5
50-60 फीसद दखल: 1.4
बेहद अधिक दखल: 0.5
30 सेमी तक गहराई
दखल से अछूते वन: 2.4
10 फीसद दखल: 2.1
50-60 फीसद दखल: 0.8
बेहद अधिक दखल: 0.3
वायुमंडल में मिल रही 17.4 फीसद गैसें
राष्ट्रमंडल वानिकी सम्मेनल में प्रस्तुत किए जाने वाले एक अन्य अध्ययन के अनुसार वनों के अनियोजित कटान से वायुमंडल में 17.4 फीसद ग्रीन हाउस गैसें मिल रही हैं। भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद (आइसीएफआरई) के पूर्व महानिदेशक के इस अध्ययन में कहा गया है कि उचित वन प्रबंधन से इस दर को कम किया जा सकता है। साथ ही बताया गया कि विश्व में वनों के कार्बन स्टॉक की दर 75 टन प्रति हेक्टेयर है। इस दर को भी वन प्रबंधन के जरिए और बढ़ाया जा सकता है।
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