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    'शहीद' के बाद अब 'बलिदानी' भूमिका में हरदा

    By Thakur singh negi Edited By:
    Updated: Wed, 11 May 2016 11:25 AM (IST)

    उत्‍तराखंड की सियासत में पिछले 53 दिन से मचे घमासान में निशाने पर रहे निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत फिर से 'बलिदानी' भूमिका में हैं। फ्लोर टेस्ट का नतीजा कांग्रेस के पक्ष में जाने के मिल रहे संकेतों के बावजूद हरदा के सामने चुनौतियों का पहाड़ कम नहीं है।

    देहरादून। सूबे की सियासत में पिछले 53 दिन से मचे घमासान में निशाने पर रहे निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत फिर से 'बलिदानी' भूमिका में हैं। फ्लोर टेस्ट का नतीजा कांग्रेस के पक्ष में जाने के मिल रहे संकेतों के बावजूद हरदा के सामने चुनौतियों का पहाड़ कम नहीं है।
    पार्टी के साथ ही सहयोगी दलों के विधायकों को बांधे रखने की चुनौती उनके सामने होगी ही। कांग्रेस के नौ विधायकों की बगावत के बाद हुए दो स्टिंग मामलों से जो नुकसान पहुंचा है, जनता के बीच उसकी सफाई देना भी बड़ी चुनौती होगी। वह भी तब जबकि, मुख्य विपक्षी दल भाजपा इन दोनों स्टिंग को मुद्दा बनाकर जनता के बीच जाने की बात कह चुकी है।
    दरअसल, राजनीतिक घटनाक्रम में हरदा अब तक शहीदी मुद्रा में ही नजर आए हैं। 18 मार्च को पार्टी के नौ विधायकों की बगावत के बाद वे भाजपा पर हमलावर हुए और भाजपा पर कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने की साजिश रचने का आरोप लगाया। साथ ही जनता के बीच यह संदेश देने का प्रयास किया कि वे राजनीतिक रूप से 'शहीद' हुए हैं। यह सिलसिला चल ही रहा था कि 26 मार्च को आए स्टिंग को रावत ने अपने खिलाफ साजिश करार दिया।
    इस बीच 27 मार्च को सूबे में राष्ट्रपति शासन लगने पर उन्होंने भाजपा के साथ ही केंद्र सरकार को निशाने पर लिया। तब भी उन्होंने इसे राजनीतिक शहादत का नतीजा बताया। नैनीताल उच्च न्यायालय के आदेश बाद 21 अप्रैल को एक दिन के लिए मुख्यमंत्री बने तो बोले-'केंद्र ने साजिश रची तो कोर्ट ने बहाल कर दिया।
    मामला सर्वोच्च अदालत में जाने के बाद राष्ट्रपति शासन की बहाली हुई तो भाजपा और केंद्र पर हमलावर रुख अख्तियार किए रहे।
    आठ मई को सामने आए दूसरे स्टिंग से सियासत में फिर भूचाल आया तो हरदा ने इसे राजनीतिक रूप से उन्हें बदनाम करने की साजिश बताया। सूरतेहाल में साफ है कि हरदा अब तक हर मामले में शहीदी मुद्रा में ही दिखे। अब जबकि फ्लोर टेस्ट हो चुका है और परिणाम के कांग्रेस के पक्ष में जाने के संकेत मिल रहे हैं तो रावत फिर से बलिदानी भूमिका में आ गए हैं। देखने वाली बात होगी कि अब वे नई चुनौतियों से किस प्रकार पार पाते हैं।

    पढ़ें:- कांग्रेस का दावाः उत्तराखंड में हरीश रावत ने पास किया फ्लोर टेस्ट, 33 मत मिले

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