..तो बुरहान को आतंकी नहीं मानते प्रोफेसर आनंद!
जागरण संवाददाता, देहरादून: स्वराज अभियान के राष्ट्रीय संयोजक एवं जेएनयू के पूर्व प्रोफेसर आनंद कुमार
जागरण संवाददाता, देहरादून: स्वराज अभियान के राष्ट्रीय संयोजक एवं जेएनयू के पूर्व प्रोफेसर आनंद कुमार की जुबान हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी का जिक्र करते हुए फिसल गई और उन्होंने बुरहान के लिए 'शहादत' शब्द तक का इस्तेमाल कर डाला। कहा कि केंद्र सरकार को जांच करानी चाहिए कि बुरहान की शहादत किन परिस्थितियों में हुई। हालांकि बाद में खुद को संभालते हुए उन्होंने कहा कि, ऐसा वो नहीं बल्कि पाकिस्तान कहता है। अपने-अपने हिसाब से कोई बुरहान को कश्मीर का लाल तो कोई आतंकवादी कहता है।
प्रोफेसर आनंद स्वराज अभियान के राज्य कार्यकारिणी चुनाव में शिरकत करने दून पहुंचे थे। पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने बुरहान की मौत की न्यायिक जांच कराने की मांग की। कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि बुरहान की मौत संदिग्ध हालातों में हुई। सरकार इसकी उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराने में शर्म न करे। अटकलबाजी ठीक नहीं है। जनता के सामने आना चाहिए कि बुरहान ने बंदूक क्यों उठाई और मुठभेड़ का सच क्या है। कहा कि केंद्र सरकार को कश्मीर मसले पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। सरकार स्पष्ट करे कि उसकी नीति क्या है। कश्मीर के लोगों पर गोलियां बरसाने के बजाय उनसे बातचीत की जानी चाहिए।
इस दौरान वो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी हमला करने से नहीं चूके। कहा कि केजरीवाल काम कम और प्रचार ज्यादा कर रहे हैं। कई दशकों पुराने दल भाजपा और कांग्रेस को भी इतना अहंकार नहीं हुआ, जितना सवा साल की सत्ता में आप को हो गया है। बोले, दिल्ली संभल नहीं रही और चुनाव की तैयारी पंजाब, गुजरात समेत तमाम राज्यों में शुरू कर दी है। प्रोफेसर आनंद ने बताया कि 30 और 31 जुलाई को स्वराज अभियान की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी। इसमें तय होगा कि कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में संगठन किस भूमिका में रहेगा। इस मौके पर अभियान की प्रदेश अध्यक्ष कमला पंत, पर्यावरणविद् रवि चोपड़ा आदि भी मौजूद रहे।