मोतीचूर में घुसे शिकारी, पार्क प्रशासन अलर्ट
जागरण प्रतिनिधि रायवाला:
राजाजी नेशनल पार्क में बावरिया गिरोह एक बार फिर सक्रिय है। मोतीचूर रेंज में घुस आए नौ शिकारियों को तो नही पकड़ा जा सका मगर उनके हथियार व अन्य सामान वन कर्मियों ने बरामद कर उन्हें सीज कर दिया गया है। शिकारियों की घुसपैठ सामने आने के बाद पार्क क्षेत्र में हाई अलर्ट जारी किया गया है।
खुफि या सूचना पर वन कर्मियों ने मोतीचूर व हरिद्वार रेज की सीमा पर शिकारियों को पकड़ने के लिए घेराबंदी की मगर वन कर्मियों को देखकर शिकारी भाग खड़े हुए। मगर उनके कुछ बर्तन,शिकार करने में प्रयुक्त होने वाले भाले व अन्य हथियारों के साथ ही सल्लू सांप व गोह का मांस वन कर्मियों के हाथ लगा है। पार्क अधिकारियों के अनुसार इन शिकारियों की संख्या नौ थी। इनके साथ तीन कुत्ते भी थे जिनमे से एक को वन कर्मियों ने फायर कर मार डाला। बावरिया गिरोह की सक्रियता सामने आने के बाद पार्क प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया है। माना जा रहा है कि बरसात का फायदा उठाकर अन्य रेजों में भी इन शिकारियों ने अपने अड्डे बना लिए हैं। हालांकि इस घटना के बाद टीम बनाकर लंबी दूरी की गश्त शुरू करा दी गयी है ओर सभी रेज अधिकारियों को सजग रहने के निर्देश दिए गये हैं। मोतीचूर व हरिद्वार के आस पास कंजर बस्तियों पर भी नजर रखी जा रही है। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ पार्क अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
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मुखबिर की सूचना पर मैने तत्काल वन कर्मियों की टीम को सूचना स्थल भेजा। मगर शिकारी भाग निकले इनका सामान व हथियार वन कर्मियों ने सीज कर दिया गया है इनके पास से कुछ मांस भी बरामद हुआ जिसे डीएनए परीक्षण के लिए भेजा गया हैं ताकि यह पुष्ट हो सके कि मांस किस जानवर का है। पूरे पार्क में हाई अलर्ट जारी किया गया है ओर लगातार गश्त की जा रही है।
एसपी सुबुद्धि, निदेशक राजाजी नेशनल पार्क
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दूसरे राज्यों से जुडे़ हो सकते हैं तार
रायवाला: राजाजी नेशनल पार्क में सक्रिय शिकारियों के तार दूसरे राज्यों से भी जुड़े हो सक ते हैं। पिछले माह लैंसडौन वन प्रभाग में पकड़ा गया बावरिया गिरोह का एक शिकारी हरियाणा का रहने वाला है माना जा रहा है कि इसी गिरोह के लोग राजाजी में भी घुसपैठ कर चुके हैं। पार्क अधिकारी इन सभी बिंदुओं पर गौर कर शिकारियों की तलाश में जुटे हैं।
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बावरियों की परंपरा है शिकार
रायवाला: बावरिया गिरोह से जुड़े कंजर जाति के लोग शिकार करना अपनी परंपरा समझते हैं। दरअसल हरियाणा व हिमालच में रहने वाली इस जाति में प्रत्येक युवक के लिए विवाह से पूर्व शेर या गुलदार का शिकार करना व उसका मांस खाना अनिवार्य माना जाता है। इसी परंपरा के चलते यह लोग शिकार के लिए जंगलों की ओर निकलते हैं। यह बात लैंसडौन में पकड़े गये शिकारी ने वन अधिकारियों को बतायी है।
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