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    अपने ही घर में अकेले पड़ी अलकनंदा

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    Updated: Mon, 20 Jun 2016 09:11 AM (IST)

    संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: पवित्र भागीरथी नदी में मिलकर उसे गंगा का रूप देने वाली अलकनंदा नदी अपने उद्ग ...और पढ़ें

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    संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: पवित्र भागीरथी नदी में मिलकर उसे गंगा का रूप देने वाली अलकनंदा नदी अपने उद्गम स्थल से ही मैली हो रही है। बदरीनाथ पहुंचकर अपनी आस्था के प्रकटीकरण में श्रद्धालु जाने-अनजाने में अलकनंदा को दूषित कर रहे हैं। वहीं इस साल अनिल अंबानी स्वच्छता अभियान से जुड़े 200 स्वयंसेवक भी अलकनंदा को साफ करने में आगे नहीं आये। धाम के कई कुंडों का पानी सीधे नदी में गिरकर उसे दूषित कर रहा है।

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    श्री बदरीनाथ धाम करोड़ो आस्थाओं का केंद्र है। जाहिर है ऐसे में हर साल हजारो यात्री बदरी विशाल के दर्शन को धाम पहुंचते हैं। श्रद्धालु नदी तट से जल लेने के लिये जाते है, मगर प्लास्टिक कचरा वहीं छोड़ आते हैं। वहीं स्थानीय प्रशासन भी इस ओर कदम उठाने को तैयार नहीं है। बदरीनाथ धाम में तप्त कुंड, बह्मकपाल तीर्थ, मुख्य अलकनंदा पुल सहित नदी तट पर कूड़ा बिखरा रहता है। मंदिर समिति समय-समय पर सफाई अभियान चलाती है, मगर इस बार अभियान कहीं नजर नहीं आया।

    नहीं दिखा अंबानी स्वच्छता अभियान अलकनंदा नदी का उद्गम बदरीनाथ से आगे अलका ग्लेशियर से होता है। माणा से ही अलकनंदा नदी मानव बस्तियों के पास से गुजरती है। नदी तट पर बिखरी गंदगी को देखते हुए दो साल पहले मंदिर समिति और युवाओं ने मिलकर स्वच्छता अभियान छेड़ा था। इससे प्रभावित होकर देश के प्रमुख उद्योगपति अनिल अंबानी ने अभियान को आगे बढ़ाते हुए अंबानी स्वच्छता अभियान शुरू किया। पिछले साल वे खुद झाडू लेकर सफाई को उतरे थे। मगर इस बार यह अभियान गायब ही दिखा।

    सीवर ट्रीटमेंट का कार्य आधा अधूरा

    बदरीनाथ धाम में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य भी चार साल से लंबित पड़ा है। ट्रीटमेंट प्लांट न होने से सीवर की गंदगी भी नदी में जा रही है। बामणी गांव के पास बना पुराना सीवर ट्रीटमेंट प्लांट खराब पड़ा है। वहीं सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के लिये भूमि चयन के बाद भी गंगा प्रदूषण इकाई की हीलाहवाली से समस्या बढ़ रही है।

    बदरीनाथ में कूड़ा निस्तारण की जिम्मेदारी नगर पंचायत की है। हालांकि धाम आने वाले प्रत्येक यात्री को स्वच्छता की ओर विशेष ध्यान रखना चाहिये। इसके लिये कूड़ेदान भी लगे हैं। मंदिर समिति जल्द स्वच्छता अभियान चलायेगी।

    बीडी ¨सह सीईओ मंदिर समिति बदरीनाथ।

    गंगा की स्वच्छता प्रशासन की जिम्मेदारी है। गंगा स्वच्छता को लेकर कानून भी लागू हो गया है। ऐसे में अगर कोई गंगा में गंदगी को लेकर जिम्मेदार पाया गया तो कानूनी कार्रवाई की जायेगी।

    शैलेंद्र ¨सह नेगी, उपजिलाधिकारी जोशीमठ

    धाम में गंगा की स्वच्छता को लेकर बीते वर्ष अभियान चलाया गया था। इस बार यह संभव नहीं हो पाया। सभी सदस्यों से राय के बाद गंगा किनारे सफाई अभियान चलाया जायेगा।

    राजेश मेहता, संचालक अंबानी स्वच्छता अभियान बदरीनाथ।