मुख से होते हैं शिव के दर्शन
जागरण प्रतिनिधि, गोपेश्वर: दुनियां में भगवान शिव के मुख से दो ही स्थानों पर दर्शन होते हैं। इनमें भारत में उत्ताराखंड के चमोली जिले के रुद्रनाथ और नेपाल में पशुपतिनाथ शामिल हैं।
उत्ताराखंड में चमोली जिले में रुद्रनाथ समुद्र तल से ऊंचाई 2286 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह मंदिर पांडवों ने बनाया है। यहां भगवान शिव का मुखमंडल एक गुफा के अंदर है। पवित्र गुफा के अंदर ही भगवान की पूजा अर्चना की जाती है। छ: माह तक रुद्रनाथ तो छ: माह तक गोपेश्वर के गोपीनाथ मंदिर में भगवान रुद्रनाथ के दर्शन किए जा सकते हैं। इस वर्ष 23 मई को श्री रुद्रनाथ के कपाट खुलने हैं।
यह है महात्म्य
पौराणिक कथाओं के अनुसार जब पांडवों पर गो हत्या का पाप लगा था तो उससे छुटकारा पाने के लिए पांडव शिव की खोज में हिमालय पर्वत पर आ पहुंचे। चूंकि शिव पांडवों को अपने दर्शन नहीं देना चाहते थे। इसलिए उन्होंने सांड का रूप धारण कर दिया और धरती के अंदर चले गए। पांच स्थानों पर भगवान शिव ने पांडवों को अपने पांच भागों के दर्शन दिए। तब जाकर पांडव गो हत्या से मुक्त हो सके।
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ऐसे होते हैं शिव दर्शन
केदारनाथ-पृष्ठ भाग के दर्शन
तुंगनाथ-बांह के दर्शन
कल्पेश्वर-जटा के दर्शन
मद्महेश्वर- नाभि व पेट के दर्शन
रुद्रनाथ-मुख के दर्शन
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ऐसे पहुंचे
जिला मुख्यालय गोपेश्वर से चार किलोमीटर दूर सगर गांव तक वाहन से पहुंचा जा सकता है। सगर गांव से 21 किलोमीटर की पैदल दूरी पर स्थित है रुद्रनाथ मंदिर।
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ठहरने की व्यवस्था
-ठहरने के लिए रुद्रनाथ में मंदिर समिति की धर्मशालाएं हैं। जो यात्री जल्दी भगवान के दर्शन कर देते हैं वे पनार बुग्याल, ल्यूती बुग्याल, सगर या गोपेश्वर में ठहरने के लिए आ सकते हैं।
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नजदीकी स्थल
-रुद्रनाथ दर्शनों के बाद सूर्य कुंड, चंद्र कुंड, तारा कुंड, मानस कुंड के भी श्रद्धालु दर्शन करते हैं। रुद्रनाथ से पुत्रदायिनी मां अनसूया मंदिर भी जा सकते हैं। इसके अलावा सगर में प्रसिद्ध सकेश्वर मंदिर के दर्शन करना भी रुद्रनाथ जाने वाले श्रद्धालु नहीं भूलते।
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