Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बाट लागी बरात चेली बैठ डोलिमा..

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 01 Feb 2018 06:30 PM (IST)

    संवाद सहयोगी, चौखुटिया: कैले बजै मुरूली ओ बैंणा., मेरी बाना होसिया ओ सुवा ओ., हिम

    Hero Image
    बाट लागी बरात चेली बैठ डोलिमा..

    संवाद सहयोगी, चौखुटिया: कैले बजै मुरूली ओ बैंणा., मेरी बाना होसिया ओ सुवा ओ., हिमाला का ऊंचा डाना प्यारो मेरो गांव.,जा चेली जा सौरास. व आज मंगना आयो री तेरो सजना.जैसे पहाड़ी लोकगीतों की सुरीली आवाज आज भी आम लोगों के दिलो-दिमाग में गुंजते हैं। ये वो गीत हैं जो उत्तराखंड ही नहीं बरन देश के कोने कोने में पहाड़ की माटी की सुगंध महका देते हैं। ऐसे सुमधुर गीतों को आवाज देने वाले प्रसिद्ध लोक गायक गोपाल बाबू गोस्वामी थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बेशक सुरीली आवाज के धनी गोपाल बाबू गोस्वामी आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके लोकगीतों के मधुर स्वर आज भी उत्तराखंड वासियों के दिलों में रची-बसी है। इसे दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि ऐसे लोक कलाकार को सरकारें भूल गई हैं, मगर बैराठ नगरी के बैराठेश्वर महादेव मंदिर परिसर में प्रतिवर्ष लोगों के सहयोग से गोस्वामी परिवार द्वारा उनकी जयंती धूमधाम से मनाई जाती है। स्व. गोपाल बाबू का जन्म अल्मोड़ा जनपद अंतर्गत रंगीली गेवाड़ की माटी चांदीखेत गांव में 2 फरवरी 1942 को हुआ।

    उनका जन्म ऐसे दौर में हुआ, जब गांवों में गरीबी थी। यही कारण रहा कि वे महज कक्षा-5 तक की ही पढ़ाई कर पाए। बचपन से ही संगीत प्रेमी होने के कारण उन्होंने संगीत के क्षेत्र में कदम बढ़ाया। धीरे धीरे मुकाम हासिल कर लिया। उन्होंने कई पहाड़ी गीतों की रचना कर उन्हें स्वर दिए। सुरीली आवाज के चलते उनके गीत आकाश बाणी लखनऊ से भी प्रसारित होने लगे। इसके बाद उन्होंने कई आयाम हासिल किए।

    बाद में गोपाल बाबू भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण विभाग के गीत एवं नाट्य प्रभाग में भर्ती हो गए। अपनी आवाज का जादू बिखेर कर उन्होंने विभाग में भी खास पहचान बना ली। सभी उनके गीतों के दीवाने हो गए एवं पहाड़ी गीतों के कई कैसेट बाजार में रिलीज हुए। उनके गीतों ने ऐसी धूम मचा दी कि जो लोगों में छा गए। बरात विदाई के दौरान उनके गीत यथा-आज मंगना आयो री तेरो सजना., जा चेली जा सौरास.व बाट लागी बरात चेली बैठ डोलिमा.सुनकर लोगों के आंसू छलक उठते हैं।

    ==============

    आज मनाई जाएगी उनकी जयंती

    गोपाल बाबू गोस्वामी की जयंती आज 2 फरवरी को बैराठेश्वा्रर महादेव मंदिर परिसर में धूमधाम से मनाई जाएगी। इस दौरान उनका भावपूर्ण स्मरण किया जाएगा एवं इस अवसर पर जाने माने लोक कलाकार लोक संस्कृति के रंग बिखेरेंगे। आयोजन समिति ने सभी तैयारी पूर्ण कर ली हैं।