वाराणसी में जीएसटी के विरोध में कपड़ा व्यापारियों को 100 करोड़ का नुकसान
बंदी से 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार प्रभावित हुआ, साड़ी के साथ रेशम, जरी, कलाबत्तू के व्यापारियों ने भी दुकानें बंद रखीं।
वाराणसी (जेएनएन)। वाराणसी में भी जीएसटी का पुरजोर विरोध हो रहा है। कपड़ा व्यापारियों ने तीन दिन के लिए बंद का ऐलान किया था और मंगलवार को इसका असर खूब देखने को भी मिला। बंद का आह्वान बनारस वस्त्र उद्योग एसोसिएशन और बनारस साड़ी डीलर एसोसिएशन ने किया है।
बंदी से 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार प्रभावित हुआ। साड़ी के साथ रेशम, जरी, कलाबत्तू के व्यापारियों ने भी दुकानें बंद रखीं। बंद को सफल बनाने के लिये व्यापारियों के समूह ने विभिन्न इलाकों में दुकानें बंद कराईं।
बनारस में हर साल पांच हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का साड़ी कारोबार होता है।
मंगलवार को बंदी से साड़ी मार्केट में सन्नाटा रहा। चौक क्षेत्र में लक्खी चौतरा, रानी कुंआ, नंदन साहू लेन, सत्ती चौतरा, कुंज गली, ठठेरी बाजार में साड़ी की दुकानों के शटर गिरे रहे। वहीं मदनपुरा, बड़ी बाजार इलाकों में भी दुकानें बंद रहीं। साड़ी के साथ थोक कपड़ा मार्केट भी मंगलवार को बंद रहा।
बनारसी वस्त्र उद्योग एसोसिएशन के संरक्षक अशोक धवन ने बताया कि साड़ी व्यापारियों में सरकार के इस फैसले से नाराजगी है। कुटीर उद्योग होने से घरों में लोग इस उद्योग से जुड़कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। इस पर जीएसटी लागू करना व्यावहारिक नहीं है।
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चौक स्थित अग्रवाल भवन में साड़ी व्यवसायियों की बैठक हुई जिसमें अगले दो दिनों तक हड़ताल को सफल बनाने की रणनीति पर चर्चा हुई। एसोसिएशन ने साड़ी कारोबार से जुड़े सभी व्यापारियों, बुनकरों, अंगड़िया से बंद में सक्रिय भागीदारी की अपील की।
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