फर्जीवाड़े की सभी जांच सीबीसीआइडी के हवाले
परीक्षा अभिलेख में हेराफेरी
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-संस्कृत विश्वविद्यालय : दोषियों को चिह्नित करने में जुटी टीम
जागरण संवाददाता, वाराणसी : शासन ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्व विद्यालय के अंकपत्रों व प्रमाणपत्रों से जुड़े फर्जीवाड़े के सभी मामलों की जांच सीबीसीआइडी को सौंप दी है। इसके तहत एजेंसी ने जांच भी शुरू कर दी है।
बीटीसी के तहत प्रदेश के विभिन्न डायटों में चयनित अभ्यर्थियों में सर्वाधिक संख्या संस्कृत विश्व विद्यालय के डिग्रीधारियों की है। सत्यापन में ऐसे अभ्यर्थियों की पोल खुलती जा रही है जिनकेअंकपत्र व प्रमाण पत्र फर्जी मिले हैं। इसे देखते हुए शासन ने प्रदेश के विभिन्न जनपदों में चयनित शिक्षकों के फर्जी अंकपत्रों की जांच सीबीसीआइडी को सौंपी है। शासन ने सीबीसीआइडी को फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों को चिह्नित करने का भी निर्देश दिया है ताकि ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाया जा सके। इसके तहत गाजियाबाद, मेरठ (बागपत) सहित अन्य जोन की सीबीसीआइडी जांच पड़ताल में जुटी हुई है। जांच कर रहे सीबीसीआइडी, मेरठ के इंस्पेक्टर सीपी सिंह, चंद्रपाल सिंह व जयवीर सिंह ने अब तक विश्वविद्यालय के दर्जनों कर्मचारियों का बयान ले लिया है। जांच टीम ने फर्जीवाड़ा से जुड़े कुछ लोगों की पहचान भी कर ली है। सीबीसीआइडी ने फर्जीवाड़ा में विश्वविद्यालय के कुछ कर्मचारियों के भी लिप्त होने की आंशका जताई है।
अंकपत्र व प्रमाण पत्रों का मांगा नमूना : सीबीसीआइडी ने विश्व विद्यालय प्रशासन से विभिन्न सत्रों के अंकपत्रों व प्रमाण पत्रों के नमूनों की मांग की है। इन नमूनों से ही फर्जी अंकपत्रों की मिलान कर पता लगाया जाएगा कि वे कहां से जारी किए गए हैं।
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