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हज हाउस पर फैसला आज, नगर में आजम

By Edited By: Published: Fri, 20 Jul 2012 01:23 AM (IST)Updated: Fri, 20 Jul 2012 01:23 AM (IST)

-संकुल समेत प्रस्तावित तीन स्थानों का करेंगे निरीक्षण

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-जेएनएनयूआरएम के कार्यो की सर्किट हाउस में समीक्षा

जागरण प्रतिनिधि, वाराणसी : हज की यात्रा पर जाने वाले जायरीनों के लिए लंबे समय से स्थायी हज हाउस को लेकर उठ रही मांग पर आज मुहर लग सकती है। हज हाउस के लिए प्रस्तावित गौतम बुद्ध ट्रेड सेंटर, चौकाघाट समेत तीन स्थलों का संसदीय कार्य, नगर विकास एवं हज मंत्री आजम खां शुक्रवार को निरीक्षण करेंगे।

उप निदेशक सूचना कार्यालय के अनुसार संसदीय कार्य एवं नगर विकास विभाग मंत्री आजम खां 20 जुलाई की सुबह काशी विश्वनाथ ट्रेन से यहां आएंगे। सर्किट हाउस में विश्राम के बाद आजम खां पूर्वाह्न 9 बजे हज हाउस के लिए प्रस्तावित एलटी कॉलेज, गौतमबुद्ध ट्रेड सेंटर (सांस्कृतिक संकुल) चौकाघाट एवं भदऊ चुंगी राजघाट स्थित अज गैब शहीद लाल रौजा खां की जमीन देखेंगे। इस दौरान आजम वक्फ की उन संपत्तियों का भी जायजा लेंगे जिनपर अवैध कब्जा अथवा विवाद है।

11 बजे तक निरीक्षण के बाद नगर विकास मंत्री वापस सर्किट हाउस आएंगे। यहां जेएनएनयूआरएम के तहत हो रहे कार्यो की प्रगति की समीक्षा करेंगे। समीक्षा व लंच के बाद 1.30 बजे मीडिया से रू-ब-रू होंगे। मीडिया से वार्ता के बाद आजम खां 3.15 बजे श्रमजीवी एक्सप्रेस से मुरादाबाद के लिए रवाना होंगे।

एलटी कॉलेज और संकुल को लेकर विरोध के स्वर मुखर

स्थायी हज हाउस निर्माण के लिए स्थानीय हज कमेटी व जिला प्रशासन द्वारा सुझाए गए स्थलों को लेकर विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं। दरअसल, हज कमेटी और जिला प्रशासन ने शासन के निर्देश पर स्थायी हज हाउस के लिए एलटी कॉलेज, गौतमबुद्ध ट्रेड सेंटर (सांस्कृतिक संकुल) का नाम प्रस्तावित कर दिया। दोनों ही स्थलों का अपना महत्व है।

समाजसेवी व वरिष्ठ नागरिक तरुण कांति बसु ने कहा कि एलटी कॉलेज के इतिहास को जाने बगैर वहां स्थायी हज निर्माण की बात उठाई गई है। एलटी कॉलेज के परिसर में स्वामी विवेकानंद तिरोधान से पूर्व गोपाल दास विला में ठहरे थे। परिसर में स्वामी विवेकानंद से जुड़ी कई यादें हैं। कुछ दिनों पूर्व स्वामी विवेकानंद की जयंती भी परिसर में मनाई गई थी। वहां स्थायी हज हाउस न बने, इसके लिए मुख्यमंत्री व हज मंत्री को पत्र भी लिखा गया कि देश की अमूल्य धरोहर सुरक्षित रखी जाए।

उधर, सांस्कृतिक संकुल के साथ नगर के कला प्रेमियों की भावनाएं जुड़ी हैं। सांस्कृतिक नगरी में कला -संगीत, नृत्य व नवोदित कलाकारों को बढ़ावा देने के लिए चौकाघाट क्षेत्र में सांस्कृतिक संकुल की कुछ वर्ष पूर्व स्थापना की गई थी। गंगा महोत्सव समेत अन्य आयोजनों पर इस स्थान पर लोगों की जुटान भी होती है। स्थानीय कलाकारों का कहना है कि अगर संकुल की जमीन भी उनसे छीन ली जाएगी तो सांस्कृतिक नगरी में कहीं और ऐसी जगह नहीं जहां सारे कलाकार एक छत के नीचे गुरु से ज्ञान हासिल कर सकें या अपनी प्रतिभा का मंचन कर सके।

जेल रोड की जमीन उपयुक्त

स्थानीय लोगों का मानना है कि स्थायी हज हाउस के लिए सेंट्रल जेल रोड पर मौजूद नगर निगम की पांच एकड़ से भी अधिक जमीन सबसे उपयुक्त है। याद हो कि एक भू माफिया के कब्जे से उक्त जमीन को तत्कालीन डीएम रविंद्र ने मुक्त कराया था। जमीन के एक हिस्से पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को काबिज कराया गया। शिवपुर के जमाल का कहना है कि उक्त स्थान वरुणा नदी के किनारे है साथ ही शहरी इलाके से हटकर भी है। यह रास्ता सीधे बाबतपुर एयरपोर्ट से भी जुड़ता है।

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