काशी की सुरक्षा के लिए तैनात होंगे 'स्पेशल 25'
इनकी ड्यूटी सामान्य नहीं है। इन्हें शहर के प्रमुख मंदिरों, भवनों का नक्शा तैयार करने का टास्क दिया गया है।
वाराणसी (विकास बागी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने का खाका तेजी से तैयार हो रहा है। आपात स्थिति में अब वाराणसी पुलिस को अत्याधुनिक संसाधनों से लैस एनएसजी कमांडो या अन्य केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
उसके पास 'मुश्किल वक्त-कमांडो सख्त' की ट्रेनिंग ले चुके 25 जवानों की टीम तैयार है। एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ता) के लखनऊ स्थित मुख्यालय पर कमांडो की ट्रेनिंग पूरी कर वाराणसी पुलिस के जवान अपने टास्क को पूरा करने में जुट गए हैं।
दस साल से अटकी थी योजना: गौरतलब है कि 23 नवंबर 2007 में वाराणसी, लखनऊ, फैजाबाद की कचहरी में बम ब्लास्ट के बाद बसपा शासनकाल में उत्तर प्रदेश पुलिस के जवानों को स्वाट टीम की तर्ज पर कमांडो ट्रेनिंग देने की योजना बनी थी। बसपा के बाद आई सपा की सरकार में पुलिस कर्मियों को विशेष ट्रेनिंग देने की फाइल दौड़ती ही रह गई। जब योगी सरकार ने कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर तेजी दिखाई तो पुलिस अधिकारी हरकत में आए और वाराणसी समेत अन्य जिलों में तैनात पुलिस कर्मियों का चयन कमांडो ट्रेनिंग के लिए किया गया।
अत्याधुनिक हथियार से होंगे लैस: अमेरिकन स्वाट टीम की तर्ज पर तैयार किए स्पेशल वेपन एंड टैक्टिस (स्वाट) टीम के ये विशेष कमांडो आपात स्थिति में मोर्चा लेने के लिए तैयार हो चुके हैं। उन्हें ग्लाक पिस्टल, एमपी-5 जैसे अत्याधुनिक हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया गया है। खाकी की जगह काली वर्दी, बुलेटप्रूफ जैकेट के साथ ये हेलमेट से लैस रहेंगे। एसएसपी ने बताया की स्वाट टीम के लिए वाराणसी में तैनात वर्ष 2016 बैच के दारोगाओं का चयन किया गया था।
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पूरे शहर का खाका हो रहा तैयार: लखनऊ में इनका प्रशिक्षण पूरा होने पर वाराणसी में विशेष रूप से तैनात किया गया है। इनकी ड्यूटी सामान्य नहीं है। इन्हें शहर के प्रमुख मंदिरों, भवनों का नक्शा तैयार करने का टास्क दिया गया है। दरअसल, आतंकी हमले के दौरान मौके पर पहुंचे सुरक्षाकर्मियों के पास भवन का कोई नक्शा नहीं होता, जिससे मुकाबला करने में दिक्कत होती है। मुंबई हमले के दौरान सुरक्षाबलों को काफी मुश्किलें हुई थी। एसएसपी के अनुसार प्रमुख बाजारों, शिक्षण संस्थानों का भी जवान नक्शा तैयार कर रहे हैं, ताकि आपात मौके पर उनके पास कोने-कोने की जानकारी हो।
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