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व्यापार व उद्योग हित में हो जीएसटी कानून

वाराणसी : इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन वाराणसी डिविजनल की बैठक संगठन के विस्तार एवं सरकार की ओर से प्र

By Edited By: Published: Fri, 29 Jul 2016 01:53 AM (IST)Updated: Fri, 29 Jul 2016 01:53 AM (IST)

वाराणसी : इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन वाराणसी डिविजनल की बैठक संगठन के विस्तार एवं सरकार की ओर से प्रस्तावित जीएसटी कानून की जटिलता पर चर्चा के लिए गुरुवार को हुई। डिविजनल चेयरमैन आरके चौधरी के सिगरा स्थित आवास पर आयोजित बैठक में जीएसटी के जटिल नियमों और दिक्कतों की तरफ केंद्रीय वित्त मंत्री का ध्यान आकृष्ट करने के लिए ज्ञापन भेजने का निर्णय लिया गया। कहा गया कि जीएसटी कानून लागू करना तो बेहतर होगा लेकिन इसमें कुछ सुधार की सख्त आवश्यकता।

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डिविजनल चेयरमैन आरके चौधरी ने कहा कि सरकार जीएसटी ला रही है यह अच्छी बात है, परंतु इसे उद्योन्नोमुख और व्यापार हित में लाना और अच्छी बात होगी। वित्त मंत्री तीन बिंदुओं में सुधार करें। जीएसटी लागू होने के बाद किसी भी स्टेट को अलग से कोई टैक्स लगाने का अधिकार नहीं होना चाहिए। जीएसटी की दर जो भी रखी जाए, उसमें पाच वर्ष से पहले संशोधन न हो, जैसा कि पिछले दो वर्षो में सर्विस टैक्स की दर 12 से बढ़ाकर 15 फीसद तक कर दी गई है। दर बढ़ाने का निर्णय पार्लियामेंट करे क्योंकि टैक्स की दर पूरे देश के लिए होगी। टैक्स अदायगी में देरी होने पर या हिसाब-किताब में गड़बड़ी होने पर व्यापारियों को पाच वर्ष की सजा का प्रावधान रखा गया है, जो गलत है।

इस अवसर पर चैप्टर चेयरमैन राजेश भाटिया, सचिव अवधेश गुप्ता ने संगठन के विस्तार व मजबूती के लिए नए सदस्यों को जोड़ने पर बल दिया। बैठक में प्रमुख रूप से श्रीनारायण खेमका, आरसी जैन, रतन कुमार सिंह, एएन तिवारी, रामस्वरूप अग्रवाल, भारत अग्रवाल, अमिताभ देवा, हर्षद तन्ना, पीके शाह, अंजनी अग्रवाल, अनुपम देवा, यूआर सिंह, राहुल मेहता, सुभाष पिपलानी, मनीष कटारिया आदि उपस्थित थे।


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