Move to Jagran APP

छोटा राजन का खास अरुण चढ़ा एसटीएफ के हत्थे

वाराणसी : मध्यप्रदेश के खंडवा से व्यवसायी राजेश जैन के अपहरण में वाछित 25 हजार का इनामी बदमाश और छोट

By Edited By: Published: Mon, 27 Jun 2016 01:13 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jun 2016 01:13 AM (IST)
छोटा राजन का खास अरुण चढ़ा एसटीएफ के हत्थे

वाराणसी : मध्यप्रदेश के खंडवा से व्यवसायी राजेश जैन के अपहरण में वाछित 25 हजार का इनामी बदमाश और छोटा राजन व गुरु साटम गैंग का कुख्यात अपराधी अरुण कुमार तिवारी उर्फ डब्बू तिवारी उर्फ धनंजय उर्फ आदित्य तिवारी उर्फ दिनेश सिंह को स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने रविवार को सेंट्रल जेल रोड पर जेपी मेहता इंटर कालेज के पास से दबोच लिया। एसटीएफ अरुण से पूछताछ कर उसका स्थानीय कनेक्शन तलाश रही है। इसके पास से चोरी की एक कार बरामद हुई है।

loksabha election banner

मिल रहे थे इनपुट : यूपी एसटीएफ को काफी दिनों से पूर्वी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में इनामी व फरार चल रहे अपराधियों के मौजूद होने के इनपुट मिल रहे थे। जिसके बाद एसएसपी एसटीएफ अमित पाठक ने बनारस यूनिट के एएसपी ज्ञानेन्द्र नाथ प्रसाद को जांच के लिए लगाया। जांच में खंडवा मध्यप्रदेश के व्यवसायी राजेश जैन केअपहरण में शामिल कुख्यात अपराधी अरुण कुमार तिवारी के शहर में नाम बदलकर रहने की जानकारी हुई। इसके बाद जाल बिछाकर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ मे गिरफ्तार अरुण ने एसटीएफ को बताया कि वर्ष 2013 में उसने सुधीर भदौरिया गैंग से मिलकर राजेश जैन का अपहरण किया था। इस वारदात के बाद एमपी पुलिस ने उस पर पुरस्कार घोषित किया था।

पड़ोसी गांव के कुख्यात ने दिखाई जरायम की राह : फूलपुर के नकटी भवानी गांव के रहने वाले अरुण ने एसटीएफ को बताया कि 1995 में गांव में रहने के दौरान उसका सम्पर्क पड़ोसी गांव केउदय भान सिंह से एक क्रिकेट मैच के दौरान हुआ। उदयभान उस वक्त छोटा राजन व गुरु साटम गिरोह के साथ असलहा सप्लाई करता था। उदयभान ने अरुण को मुंबई भेजा और वहां जरायम जगत में वह अपनी अलग पहचान बनाने में जुटा रहा। इसने गिरोह में शामिल होकर रंगदारी व मुद्रा विनिमय का काम शुरू कर दिया। थोड़े वक्त में ही अपने शातिर दिमाग एवं क्षमता के कारण अरुण छोटा राजन एवं गुरु साटम गिरोह का महत्वपूर्ण अंग बन गया था।

डी कंपनी की मुखबिरी को गया था पाकिस्तान : अरुण अपनी पहचान बदलने में भी माहिर है। वह कई भाषाएं जानता है। इसकी इसी विशेषता को देखते हुए छोटा राजन ने दाउद इब्राहिम की मुखबिरी केलिए उसे पाकिस्तान भी भेजा था। वह स्वयं फर्जी पासपोर्ट एवं वीजा पर पाकिस्तान गया था। उसने महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, उड़ीसा, बिहार, असम, पश्चिम बंगाल, नागालैंड में अपना नेटवर्क भी फैलाया था। फिलहाल एसटीएफ अब इसके दूसरे नेटवर्क को भी खंगाल रही है। वाहन चोरी के मामले में वह फूलपुर से अरसे पहले एक बार जेल भी गया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.