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    कालरात्रि की आराधना और तंत्र साधना

    By Edited By:
    Updated: Tue, 20 Oct 2015 01:35 AM (IST)

    वाराणसी : शारदीय नवरात्र के सातवें दिन सोमवार को दर्शन विधान के तहत श्रद्धालुओं ने काशी विश्वनाथ मंद

    वाराणसी : शारदीय नवरात्र के सातवें दिन सोमवार को दर्शन विधान के तहत श्रद्धालुओं ने काशी विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र स्थित कालिका गली में भगवती कालरात्रि का पूजन किया। इसके लिए भोर से ही भक्तों की कतार लग गई थी। आरती के बाद भगवती दरबार के पट खुले जयकार से परिसर गूंज उठा। भक्तों ने फल-फूल, मिष्ठान आदि अर्पित कर अभय व बाधाओं से मुक्ति की कामना की। नगर व अंचल स्थित देवी मंदिरों में भी दर्शन पूजन के लिए रेला उमड़ता रहा। आस्था का ज्वार कुछ इस तरह बहा कि कई बार मंदिरों का परिसर छोटा पड़ा। काली मंदिरों में भी दर्शन पूजन और तंत्र साधना की जाती रही। भोजूबीर स्थित दक्षिण काली मंदिर में मां का विशेष श्रृंगार किया गया। दोपहर बाद तीन बजे से कालरात्रि दर्शन शुरू हुआ। शाम चार बजे हवन और रात आठ बजे महंत गोपाल गिरि ने महाआरती की। 56 प्रकार के पकवानों-मिष्ठानों का भोग भी अर्पित किया गया। व्यवस्थापक राजेश गिरि ने संयोजन किया। तेलियाबाग के पियरिया पोखरी स्थित चंद्रमौलिश्वर भगवान शंकर एवं महामाया खप्पर वाली मंदिर में भगवती का विशेष श्रृंगार किया गया। दर्शन पूजन के लिए सुबह से रात तक श्रद्धालुओं की भीड़ रही। पीठाधीश्वर पीतांबरा बाबा ने मां का खजाना वितरित किया।

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