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    हनी सिंह गिरफ्तार, किया सनसनीखेज खुलासा

    वाराणसी : अपराधियों को पुलिस, एसटीएफ व क्राइम ब्रांच भले जेल भेज रही हो, लेकिन वे वहीं से अपराध संचा

    By Edited By: Updated: Sat, 06 Jun 2015 01:39 AM (IST)

    वाराणसी : अपराधियों को पुलिस, एसटीएफ व क्राइम ब्रांच भले जेल भेज रही हो, लेकिन वे वहीं से अपराध संचालित करने में कामयाब हो रहे हैं। यह जानकारी शुक्रवार को एसटीएफ को तब हुई, जब आशापुर से, पूर्वाचल की पुलिस समेत खुफिया एजेंसी के लिए सिरदर्द बना बदमाश अभिषेक उर्फ हनी सिंह, तीन और शातिरों समेत उनके हत्थे चढ़ा। हनी ने पूछताछ में जब ये बताया कि वह इन दिनों जेल में बंद माफिया सुभाष ठाकुर के साथ मिलकर काम कर रहा है और उसी ने फतेहगढ़ जेल से हनी को वारदात करने के लिए असलहे मुहैया कराए थे तो एसटीएफ टीम के होश उड़ गए।

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    आला अधिकारियों के निर्देशों पर एसटीएफ के एडिशनल एसपी एस आनंद अपर और फील्ड इकाई वाराणसी के डिप्टी एसपी ज्ञानेन्द्र नाथ प्रसाद के निर्देश पर एसटीएफ टीम का गठन कर शातिर अपराधियों की तलाश की जा रही थी। इस क्रम में शुक्रवार को टीम को सूचना मिली कि पांच कुख्यात अपराधी, जिनमें अभिषेक सिंह उर्फ हनी भी है, हथियारबंद होकर सारनाथ क्षेत्र में कही संगीन अपराध करने जा रहे हैं। टीम पहड़िया से अकथा मार्ग पर सथवां गांव के पास पहुंच गई। इस बीच सफेद कार आती देखकर टीम ने उसे घेरा तो बदमाशों ने फाय¨रग शुरू कर दी। कुछ देर तक ऊहापोह और मोर्चेबंदी के बाद एसटीएफ ने कार से चार लोगों को पकड़ लिया।

    कानपुर में मिले थे असलहे

    कार से बाहर निकालने पर चार बदमाशों में एक की पहचान अभिषेक उर्फ हनी, जबकि बाकि तीन की रमेश पटेल उर्फ बड़कू निवासी खजुरी, रवि सिंह और सूर्य प्रताप सिंह के रूप में हुई। इनके पास से एसटीएफ ने दो पिस्टल 9 एमएम, छह कारतूस 9 एमएम, 01 पिस्टल 32 बोर, तीन कारतूस, दो खोखे, कार इंडिगो, चार मोबाइल फोन और 2400 रुपये नगद बरामद किए। हनी ने पूछताछ में बताया कि बरामद असलहे फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में बंद माफिया सुभाष ठाकुर ने अपने गैंग के कुछ सदस्यों से कानपुर में उपलब्ध कराए थे। अभिषेक भी फतेहगढ़ जेल में बंद रह चुका है। इस दौरान उसकी सुभाष ठाकुर व उसी जेल में निरूद्ध उदयभान सिंह उर्फ डॉक्टर से भी पहचान हुई और तीनों ने एक साथ अपराध की दुनिया में अपनी पकड़ मजबूत करनी शुरू कर दी। एसटीएफ के मुताबिक जमानत पर बाहर आने के बाद भी अभिषेक लगातार सुभाष ठाकुर और उदयभान सिंह के संपर्क में बना रहा। पिछले दिनों एसटीएफ ने फतेहगढ़ में सरकारी कारतूसों की खरीद फरोख्त में गिरफ्तार अनुज वर्मा से भी कारतूसों की खरीद-फरोख्त में अभिषेक के शामिल होने की बात बताई थी।

    हत्थे चढ़े सभी बदमाश शातिर

    अभिषेक सिंह उर्फ हनी पर पूर्व में पचास हजार रुपये का पुरस्कार घोषित था। भाड़े पर हत्या, लूट एवं रंगदारी की घटनाओं का अंजाम देना अभिषेक का काम है। हनी के खिलाफ 22 अभियोग पंजीकृत हैं। गाजीपुर, जौनपुर समेत कई दूसरे जनपदों में भी दर्जनों मामलों में इसकी तलाश की जा रही थी। इसके अलावा दूसरा बदमाश रमेश पटेल उर्फ बड़कू वर्ष 2009 में सेल्स टैक्स कमिश्नर नर्वदेश्वर सिंह की हत्या में शामिल था।