तुलसी के बाद रमई काका अवधी का सबसे बड़ा नाम
उन्नाव, जागरण संवाददाता: शनिवार बीघापुर ओसिया स्थित मनोहरा महिला महा विद्यालय में आयोजित रमई काका जन्मशती समारोह पर आयोजित कार्यक्रम में साहित्यकारों से लेकर शिक्षाविद राजनीतिज्ञों का मजमा लगा। वक्ताओं ने काका की स्मृतियों को लोगों के बीच साझा किया और उनके द्वारा अवधी भाषा के लिए किए गए योगदान को अतुल्नीय बताया। इस मौके पर पूर्व विधायक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भगवती सिंह विशारद का जन अभिनंदन किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद बृजेश पाठक ने कहा कि रमई काका ने देश दुनिया में अवधी भाषा को जो स्थान दिलाया वह भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि जनपद के साहित्यकारों की स्मृतियों को संरक्षित करने के लिए मैं वचनबद्ध हू और इसी के तहत रावतपुर स्थित रमई के गांव में 12 लाख से उनका स्मारक बनाया जाएगा। इसी तरह दूसरे अवधी के कवि काका बैसवारी के गांव अकवाबाद में स्मृति भवन बन गया है जिसका अगले सप्ताह लोकार्पण किया जाएगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वीएसएसडी कालेज के पूर्व प्रचार्य साहित्यकार डॉ. यतींद्र तिवारी ने कहा कि अवधी में तुलसी के बाद रमई काका सबसे बड़ा नाम है। तुलसी और रमई काका जन कवि हैं। जो गांव गांव और जंगल के बीच गए हैं। उन्होंने कहा कि बहिरे बाबा नाटक आज भी लोगों के दिलों दिमाग में बसा हुआ है। तभी हम लोगों को इन्हीं समृति के कारण जीवित दिखाई देते हैं।
रमई काका के पुत्र डॉ. अरुण त्रिवेदी ने कहा कि अवधी भाषा में रमई काका का जो साहित्य है उसे जन जन तक पहुंचाने का काम करेंगे। अवध ज्योति के संपादक डॉ. राम बहादुर मिश्र ने कहा कि आधुनिक अवधी भाषा उसे आज की युवा पीढ़ी बोलने में शर्म महसूस करती है जबकि इसे बोलने वाले सात करोड़ लोग पूरे देश में हैं। यदि हम सभी लोग संगठित हो जाए तो देश में कम संख्या वाली भाषाएं अच्छा स्थान प्राप्त किए हैं। जबकि अवधी ने रामचरित मानस जैसा अमूल्य ग्रंथ दिया है। कार्यक्रम का संचालन गौरव अवस्थी ने किया व आभार निराला शिक्षा निधि के संस्थापक प्रबंधक कमला शंकर अवस्थी ने व्यक्त किया।
इस मौके पर एमएलसी अरविंद त्रिपाठी, राम चंद्र त्रिवेदी, शैलजा शरण शुक्ल, बीडी सिंह, गंगा प्रसाद यादव, नीरज अवस्थी, रवि शंकर पांडेय आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।
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