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गढ़वा रोड-¨सगरौली के बीच दौड़ेंगे इलेक्ट्रिक इंजन

अनपरा (सोनभद्र): गढ़वा रोड-¨सगरौली रेल पथ पर जल्द ही इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनों के दौड़ने का क्रम प्र

By Edited By: Published: Thu, 30 Jul 2015 07:50 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2015 07:50 PM (IST)

अनपरा (सोनभद्र): गढ़वा रोड-¨सगरौली रेल पथ पर जल्द ही इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनों के दौड़ने का क्रम प्रारंभ हो जाएगा। रेलवे द्वारा रेल मार्ग के विद्युतीकरण का कार्य तेजी से कराया जा रहा है। यदि सब कुछ निर्धारित योजना के अनुसार चला तो अक्टूबर 2015 से उक्त रेल खंड पर विद्युत इंजन फर्राटा भरने लगेंगे।

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आयातित डीजल महंगा होने के कारण खर्च कम करने के उद्देश्य से रेलवे द्वारा रेल मार्गों के विद्युतीकरण के कार्य में तेजी लाई गई है।

अक्टूबर 2013 में रूट के हिसाब से 257 किमी लंबे गढ़वा रोड-¨सगरौली रेल मार्ग के विद्युतीकरण कार्य को अनुमति प्रदान की गई। ट्रैक रूट के हिसाब से यह दूरी 347 किमी होगी। जनवरी 2014 से रूट के विद्युतीकरण का कार्य प्रारंभ किया गया। दानापुर रेल मंडल के डिप्टी चीफ इलेक्ट्रिक इंजीनियर ज्ञान प्रकाश कटियार ने बताया कि 250 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट के तहत गढ़वा रोड से रेनुकूट तक खंभे व तार बिछाकर इलेक्ट्रिक चार्ज कर लिया गया है। उसके आगे के रूट पर युद्ध स्तर पर कार्य जारी है। कतिपय दिक्कत के कारण निर्माण कार्य में परेशानी उत्पन्न हो रही है। इसक बावजूद कोशिश की जा रही है कि तय शिड्यूल के अनुसार रेल खंड पर विद्युत इंजन से ट्रेनों की आवाजाही प्रारंभ हो जाए।

डीजल की होगी बचत

गढ़वा रोड-¨सगरौली रेल मार्ग पर कोयला परिवहन करने वाली मालगाड़ियों की बहुलता है। रेल मार्ग के विद्युतीकरण से डीजल की खपत कम हो जाएगी। जिससे देश को विदेशी मुद्रा की बचत होगी। इसके अतिरिक्त सिगनल न मिलने की स्थिति में घंटों खड़ा रहने के बावजूद डीजल इंजन को स्टार्ट ही रखना पड़ना है जबकि आवश्यकतानुसार इलेक्ट्रिक इंजन को आन-आफ किया जा सकता है। इलेक्ट्रिक इंजन के प्रयोग से पर्यावरण प्रदूषण भी कम होगा। इलेक्ट्रिक इंजन का जहां बेहतर स्टार्टिंग टार्क उसे त्वरित गति प्रदान करता है वहीं उसकी परिवहन क्षमता भी डीजल इंजन से अधिक होती है।

चोर काट ले गये विद्युत तार

अनपरा (सोनभद्र): गढ़वा रोड-¨सगरौली रेल मार्ग के विद्युतीकरण का कार्य कबाड़ चोरों की कारस्तानी के कारण विलंबित हो रहा है। दुद्धी व म्योरपुर के मध्य कबाड़ चोरों द्वारा नौ बार तार काटा जा चुका है। शिकायत करने के उपरांत भी पुलिस प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किये जाने से कार्य में निरंतर बाधा उत्पन्न हो रही है। हालत यह है कि रेलवे के तमाम प्रयास के बावजूद पुलिस एफआईआर तक दर्ज नहीं कर रही है। जिससे कबाड़ चोरों के हौसले बुलंद है। बार-बार तार काटे जाने से रेलवे को जहां लाखों की क्षति हो रही है वहीं कार्य भी बाधित हो रहा है। रेलवे विभाग द्वारा राष्ट्र हित का हवाला देते हुए सोनभद्र के जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक का ध्यान इस तरफ आकृष्ट कराया गया है कि तत्काल संबंधित थाने व चौकी के अधिकारियों को निर्देशित कर चोरी पर प्रभावी अंकुश लगाया जाए।


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