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    लाइफ जैकेट के साथ श्रमिक करेंगे बुनियाद का काम

    By Edited By:
    Updated: Thu, 18 Jun 2015 07:29 PM (IST)

    दुद्धी (सोनभद्र): कनहर नदी में मंगलवार की रात आई हल्की बाढ़ से उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने गुरुवार

    दुद्धी (सोनभद्र): कनहर नदी में मंगलवार की रात आई हल्की बाढ़ से उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने गुरुवार को परियोजना के अधीक्षण अभियंता एसएन ¨सह यादव अमवार पहुंचे। उन्होंने मातहत अधिकारियों व कार्यदाई संस्था को सुरक्षा व आपात स्थिति से निपटने का व्यवस्था और पुख्ता रखने का सख्त निर्देश दिया। श्री यादव ने कहा कि यदि आवश्यकता समझें तो पर्याप्त मात्रा में श्रमिकों व परियोजना कर्मियों के लाइफ जैकेट का इंतजाम करें। जिससे आपात स्थिति में किसी प्रकार का जोखिम न उठानी पड़े।

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    कनहर व पांगन नदी में अचानक आए बाढ़ से निपटने के इंतजाम को लेकर गुरुवार को प्रशासनिक टीम की ओर से सीओ दुद्धी देवेश कुमार शर्मा, अधिशासी अभियंता विजय कुमार श्रीवास्तव व कार्यदाई संस्था के जीएम ए राजन एवं सहायक अभियंता हेमंत कुमार वर्मा से अधीक्षण अभियंता श्री यादव ने गहन मंत्रणा की। इस दौरान एसी ने कहा कि परियोजना स्थल से महज पांच-छह किमी दूर लगाए गए वाचर की सूचना के बाद यहां संभलने के लिए कोई मौका नहीं है। बेहतर होगा कि नदी की जलधारा पर नजर रखने के लिए किसी कर्मी को या तो छत्तीसगढ़ में तैनात करें या फिर वहां तैनात कर्मियों से मदद लें। जिससे सटीक सूचना मिलने के बाद समय रहते स्पिलवे में कार्य कर रहे लोगों को बिना किसी जोखिम के सुरक्षित निकाला जा सके। इसके अलावा आपात स्थिति से निपटने के लिए कई अन्य अहम पहलुओं पर भी चर्चा हुई।

    अमवार व कूदरी को टूटा संपर्क चौबीस घंटे में हुआ बहाल

    मंगलवार की रात अमवार फील्ड हास्टल से कूदरी गांव में बने बै¨चग प्लांट को जोड़ने वाला रपटा बुधवार की रात करीब साढ़े ग्यारह बजे फिर से बहाल हो गया। इसके साथ ही दोनों ओर मशीनों की आवाजाही भी शुरू हो गई। अधिशाषी अभियंता विजय कुमार श्रीवास्तव की देखरेख में बुधवार को दिनभर चले अस्थाई रपटे के मरम्मत कार्य में पाइपों की संख्या दोगुनी कर दी गई है। श्री श्रीवास्तव के मुताबिक अस्थाई रपटे में कई अन्य स्थानों पर भी पर्याप्त मात्रा में पाइप डालकर पानी के बहाव में आने वाली अड़चनों को दूर किया जाएगा। इसके लिए कार्यदाई संस्था को निर्देशित किया जा चुका है। वहीं नदी के परिवर्तित मार्ग में जलधारा में अवरोध उत्पन्न करने वाले पत्थरों का भी त्वरित गति से हटाया जा रहा है। जिससे बहाव में कोई रुकावट न आने पाए। मंगलवार की घटना से सबक लेते हुए गुरुवार को परियोजना स्थल पर कई संशोधन किए गए है। जिसका परिणाम आने वाले दिनों में देखने को मिलेगी।