पत्तल बनाने की मशीनों का वितरण
दुद्धी : पर्यावरण के लिए खतरा बन रहे प्लास्टिक से निबटने के लिए वन महकमे ने अनूठा रास्ता निकाल लिया है। इससे हरियाली की सुरक्षा तो होगी ही लोगों के आय का स्रोत भी बढे़गा। जायका के माध्यम से संयुक्त वन समिति के चयनित गांवों में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गठित समूहों को हरे पत्तों से दोना-पत्तल बनाने की मशीन नि:शुल्क मुहैया कराई जा रही है। यह योजना इस क्षेत्र में काफी कारगर साबित हो सकती है।
सहभागी वन प्रबंध एवं निर्धनता उन्मूलन कार्यक्रम के तहत प्रभागीय वनाधिकारी आशीष तिवारी ने क्षेत्र के रजखड़ व बीड़र में गठित महिला समूहों को दोना-पत्तल बनाने वाली मशीन एक समारोह के दौरान वितरित किया। बताया कि शहरों तक सीमित रहने वाले प्लास्टिक की थाली कटोरी का प्रयोग अब गांवों में भी होने लगा है। लोग उपयोग करने के बाद उसे खेतों में फेंक देते है। जो उपजाऊ खेत की मिट्टी की उर्वरक क्षमता पर विपरीत प्रभाव डालता है। इस मौके पर स्वयं सहायता समूहों से जुड़े लोगों को अन्य कुटीर उद्योग की भी जानकारी दी गई। क्षेत्राधिकारी जेपी सिंह, रजखड़ ग्राम प्रधान संतोष सिंह, दिवाकर दूबे, नारायन गुप्ता, ओंकार सिंह, राजबली, रेखा, मिथिलेश पांडेय व अवनीश मिश्रा उपस्थित थे।
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