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    कैग टीम ने खंगाले एमडीएम के अभिलेख

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    Updated: Sat, 15 Nov 2014 10:44 PM (IST)

    सिद्धार्थनगर : 2 जी, एनआरएचएम व मनरेगा जैसा घोटाला उजागर करने वाली कैग टीम की नजर अब एमडीएम की हकीकत

    सिद्धार्थनगर : 2 जी, एनआरएचएम व मनरेगा जैसा घोटाला उजागर करने वाली कैग टीम की नजर अब एमडीएम की हकीकत सामने लाने में जुट गई है। इसी कड़ी में शनिवार को इलाहाबाद से आई आठ सदस्यीय टीम ने ब्लाक संसाधन केंद्र, एफसीआई कार्यालय पर जाकर जहां अभिलेख खंगाले वहीं सात विद्यालयों का स्थलीय सत्यापन भी किया। जांच के दौरान तमाम खामियां सामने आई, आंकड़े बाजी का खेल अधिकतर विद्यालयों में दिखा। हालांकि टीम के सदस्यों ने कुछ बताने के बजाय जवाब में सिर्फ इतना कहा कि इंतजार करें रिपोर्ट में सब कुछ सामने आ जाएगा।

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    अब्दुल वली के नेतृत्व में राजू सिंह, वी के सिंह, मलिक रिजवान आदि आठ सदस्यीय सी.ए.जी. टीम सर्वप्रथम बीआरसी पर पहुंची और वर्ष 2010 से अब तक के अभिलेखों को खंगालना प्रारंभ किया। घंटों जांच के बीच अलग-अलग सदस्यों को स्कूलों पर भेजा गया। जहां एमडीएम रजिस्टर के अतिरिक्त बच्चों से पूछताछ की गई। इस दौरान विद्यालयों में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र को भी देखा गया और चल रही हाटकुक्ड योजना की सच्चाई जानने की कोशिश की गई। प्राथमिक विद्यालय तुरकौलिया, धनखरपुर, सागर रोजा, कंचन व पूर्व माध्यमिक विद्यालय रसूलपुर में भौतिक सत्यापन किया गया।

    बेवा प्रतिनिधि के अनुसार टीम के सदस्य राजू सिंह जूनियर स्कूल गरदहिया पहुंचे, यहां भोजन बनता नहीं मिला। बताया गया कि पूर्व प्रधानाचार्य सूर्य नारायण पाण्डेय विभिन्न तिथियों में योजना का रुपया निकाल लिए और भोजन भी नहीं बनवाए, यहां तक रसोइया का मानदेय भुगतान भी नहीं किया, जिसके कारण पिछले चार महीने से निलंबित है, इसीलिए यहां भोजन नहीं बनता है। इंचार्ज इंद्रजीत सिंह से कहा गया कि वह बीआरसी पर आए, वहां एमडीएम संचालन की व्यवस्था कराई जाएगी। बगल में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र की जांच की तो वहां कार्यकर्ता व सहायिका दोनों गायब मिली। भवन भी जर्जर मिला। इसी प्रांगण में स्थित प्राथमिक विद्यालय को भी देखा जहां भोजन बनता मिला। प्रधानाध्यापक जाहिद को हिदायत दी कि जब तक व्यवस्था शुरू नहीं होती जूनियर के बच्चों के भोजन अपने यहां सुनिश्चित कराएं।

    प्राथमिक विद्यालय तेनुई में भोजन बनते हुए मिला। इंचार्ज प्र.अ. अवधेश मणि पाण्डेय से रजिस्टर तलब किया गया और फिर उसकी बारीकी से जांच की, बच्चों से भी भोजन बिंदु पर सवाल पूछे गए। यहां आंगनबाड़ी भवन आधा अधूरा मिला। हाटकुक्ड व्यवस्था सुचारू मिली। जांच टीम के सदस्य राजू सिंह व मलिक रिजवान ने बताया कि सात विद्यालयों की जांच की गई है, पांच वर्ष के अभिलेख भी खंगाले गए हैं, जो भी कुछ सामने आया है वह रिपोर्ट आने के बाद सभी को पता चल जाएगा।