वैज्ञानिक विधि से करें धान की खेती
सिद्धार्थनगर :
खरीफ की खेती में धान प्रमुख खेती है। किसान आधुनिक व वैज्ञानिक विधि से खेती करे तो अधिक पैदावार ले सकता है। इसके लिये शोधित व प्रमाणित बीज का ही प्रयोग करना चाहिए। खाद व कीटनाशक का समय से प्रयोग करने पर लाभ दायक होता है। अगर किसी किसान को समझने में कोई दिक्कत होती है, तो वह कृषि विज्ञान केन्द्र सोहना पर सम्पर्क करें।
शनिवार को कृषि विज्ञान केन्द्र सोहना पर आयोजित किसान गोष्ठी को कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डा. मारकण्डेय सिंह ने उपस्थित किसानों से कही। उन्होंने कहा कि धान के पौध के रोपाई के समय खेत को अच्छी तरह जुताई करना चाहिए ताकि मिट्टी काफी मुलायम हो जाये। जुताई के बाद बारह से 15 सेमी पानी खेत में होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भूमि लाभदायक सूक्ष्म जिवों के वृद्धि के लिये भूमि का शोधन आवश्य करें। इसके लिये फास्फेटिक कल्चर 2.50 किग्रा,, एनोटोवेक्टर 2.50 किग्रा व टाइको पावडर 2.50 किग्रा इसके मिला कर एक एकड़ खेत में प्रयोग करने से अच्छी उपज होती है। अन्त में उन्होंने कहा कि मिट्टी की उपयोगिता के अनुसार बीज का चयन करना चाहिए। राम लखन यादव, संतू, बिलास, सत्य नरायन, मोलहू, खालिक, निसार अहमद, जगत राम, राम शब्द आदि मौजूद रहे।
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