थोड़ी भी देर हो जाती तो चली जाती जान
श्रावस्ती : जब तक जिंदा रहने की लकीर हाथों से नहीं मिटती तब तक इंसान की सांसे नहीं थमती। जी हां! कुछ ऐसा ही नजारा सेहनिया गांव के पास नाले में डूबे एक किशोर के साथ देखा गया। घर से अन्य लड़कों के साथ भैंस चराने आया 13 वर्षीय मनोज नाले में डूब गया और पानी में नीचे दलदल में फंस गया। आसपास के चरवाहों ने नाले में कूद कर उसे दलदल से किसी तरह बाहर निकाल लिया, जिससे उसकी जान बच गई। लोग बताते हैं कि अगर थोड़ी सी भी देर हो जाती तो उसकी डूब कर मौत हो जाती। भैंस चरवाहों की फुर्ती की चर्चा आसपास के गांवों में बनी हुई है।
भिनगा कोतवाली क्षेत्र के सेहनिया गांव निवासी मनोज (13) पुत्र ननके यादव गांव के अन्य लड़कों के साथ भैंस चराने के लिए गया था। गांव के दक्षिण स्थित नाले में कुइंया के फूल लगे थे। इसे तोड़ने के लिए मनोज अपने अन्य साथियों के साथ नाले में कूदा। सभी लड़के गहरे पानी में डूबने लगे। किसी तरह अन्य लड़के बाहर निकल आए, लेकिन मनोज पानी के नीचे जाकर दलदल में फंस गया और वह बाहर नहीं निकला। शोर मचाते हुए लड़के गांव की ओर भागे तब तक पास भैंस चरा रहे चरवाहे नाले में कूद कर किशोर को खोजना शुरू किया। कुछ देर बाद दलदल में फंसे लड़के को बेहोशी की हालत में बाहर निकालकर घर ले जाया गया। पानी पी जाने से उसकी स्थिति काफी गंभीर हो गई थी। निजी चिकित्सक से इलाज के बाद उसकी हालत में सुधार हुआ।
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