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    गंगा में आई बाढ़, रात में भागे कल्पवासी

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    Updated: Fri, 24 Jan 2014 11:45 PM (IST)

    शाहजहांपुर : पतित पावनी गंगा कल्पवासी भक्तों के लिए चौबीस घंटे के लिए भयावह बन गई। नरौरा से छोड़े गए 7556 क्यूसेक पानी के ढाई घाट रामनगरिया मेला पहुंचते ही हड़कंप मच गया। भक्तों को रात में तंबू कनात उखाड़ कर ऊपर के लिए भागना पड़ा। जिला पंचायत अध्यक्ष ने डीएम से वार्ता कर नरौरा बैराज से पानी बंद कराया। लेकिन तब तक 100 फिट तक गंगा कटाव कर चुकी थी। तमाम संत के खटले और पंडों के पंडाल जलमग्न हो चुके थे। जिला पंचायत प्रशासन ने 10 टैक्टर ट्रालियों और पांच दर्जन श्रमिकों तथा कर्मचारियों की मदद से श्रद्धालुओं को 300 मीटर ऊपर सुरक्षित स्थान शिफ्ट कराया।

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    ढाई घाट रामनगरिया मेला घाट पर बुधवार की शाम से पानी बढ़ना शुरू हुआ। जब तक भक्त कुछ समझ पाते गंगा का वेग तीव्र हो गया। आधी रात के बाद गंगा का जलस्तर काफी बढ़ गया और 100 फिट का कटाव कर गंगा का जल संतों और पंडों के पंडालों तक आ गया। शाहजहांपुर का रामबाग आश्रम खटला, बिल्सी बस्ती समेत कई खटला (संतों के अस्थाई आश्रम) जलमग्न हो गए। जिला पंचायत नीतू सिंह के पति व सपा नेता उपेंद्र पाल सिंह ने डीएम राजमणि यादव को स्थिति से अवगत कराया। डीएम ने सिंचाई विभाग के एक्सईएन से वार्ता कर नरौरा बैराज से जल प्रवास को सीमित कराया। इससे स्थिति नियंत्रित हो गई। हालांकि तब तक मेला उखड़ कर ऊपर की ओर आ चुका था। मेला लिपिक तुलसी राम ने बताया कि जिला पंचायत अध्यक्ष के निर्देश पर रात में ही 10 ट्रैक्टर लगाकर श्रद्धालुओं की सामान श्रमिकों और कर्मचारियों की मदद से पहुंचाना शुरू कर दिया गया।

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