रेबीज से ज्यादा घातक है लापरवाही
शाहजहांपुर : जिला अस्पताल के एआरवी सेंटर में रेबीज के खौफ से सहमे दर्जनों लोग किसी पल देखे जा सकते हैं। जबकि रेबीज वायरस को हमारी लापरवाही ही जानलेवा बनाती है। कुत्ता, बंदर के काटने पर सजगता बरतें तो रेबीज से निपटना आसान है। महंगी होने के बावजूद सरकारी अस्पतालों में रेबीज का टीका मुफ्त में उपलब्ध है।
रेबीज से ऐसे बचें
रेबीज के वायरस कुत्ता, बंदर, लंगूर, सियार में होते हैं। इन जानवरों के काटने पर घाव वाले स्थान को ठंडे पानी से साफ करें। एंटी बायोटिक लिक्विड का प्रयोग जख्म को साफ करने में करना बेहतर होगा। जख्म गहरा हो तो चिकित्सकीय मशविरा जरूर लें। कई बार रेबीज से पहले घाव में इंफेक्शन ही जानलेवा साबित होता है।
हमलावर पशु की निगरानी करें
रेबीज ज्यादातर कुत्ते के ही काटने से होता है। सामान्य कुत्ता काट ले तो रेबीज का खतरा नहीं होता। लेकिन इसके बावजूद हमलावर कुत्ते की निगरानी करें। 10 दिनों में कुत्ता सामान्य रखता है उसे जाने दीजिए। कुत्ते का ठीक होना उसमे रेबीज वायरस न होने का संदेश देता है। अभिभावक उठाए जिम्मेदारी
कुत्ता, बंदर बच्चों को आसानी से अपना निशाना बना लेते हैं। अभिभावक को चाहिए कि मासूमों का केयर करें। उन्हें रेबीज वाले जानकारों के नजदीक न आने दें। यह जिम्मेदारी प्ले, नर्सरी ग्रुप के स्कूलों में अध्यापकों को उठाना चाहिए। प्राइमरी स्कूलों में टीचर ही स्टूडेंट्स के अध्यापक होते हैं। स्कूल में आठ घंटे बच्चों के रहने से घटनाओं की उम्मीद बनी रहती है।
हमें बताएं परेशानी : सीएमओ
शाहजहांपुर : मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. उमेश यादव ने बताया कि सीएचसी-पीएचसी पर रेबीज इंजेक्शन उपलब्ध हैं। पब्लिक की सेहत को लेकर सरकार भी गंभीर है। रेबीज इंजेक्शन लगाने में स्वास्थ्यकर्मी आनाकानी करें तो मेडिकल ऑफिसर से मिलें। मदद की गुंजाइश न दिखे तो हमारे सीयूजी (सर्किल यूनिट नंबर) 8005192694 पर कॉल करें, फौरी मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक माह मीटिंग कर फार्मासिस्ट से दवाओं, टीके की उपलब्धता के बारे में जानकारी की जाती है।
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