जाकिर नाईक का आतंकवाद से कोई नाता नहीं: दारुल उलूम
इस्लाम प्रचारक जाकिर नाईक को दारुल उलूम देवबंद ने क्लीन चिट दे दी और कहा कि जाकिर नाईक का आतंकवाद से कोई संबंध नहीं हो सकता।
सहारनपुर (जेएनएन)। इस्लाम प्रचारक डा. जाकिर नाईक को लेकर देश भर में छिड़ी बहस के बीच आखिरकार दारुल उलूम देवबंद ने आज चुप्पी तोड़ ही दी। क्लीन चिट देते हुए कहा कि जाकिर नाईक का आतंकवाद से कोई संबंध नहीं हो सकता। नाईक पर दारुल उलूम का फतवा मीडिया में आने से खफा नायब मोहतमिम ने कहा कि मसलकी इख्तिलाफ के चलते दारुल उलूम द्वारा पूर्व में दिए गए फतवे को जाकिर के खिलाफ हथियार न बनाया जाए।
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दारुल उलूम देवबंद के नायब मोहतमिम मौलाना अब्दुल खालिक मद्रासी ने कहा है कि पूरी दुनिया में इस्लामिक स्कॉलर के रूप में नाईक की पहचान है। इसलिए हम यह समझते हैं कि जाकिर नाईक का आतंकवाद से कोई ताल्लुक नहीं हो सकता। उनके खिलाफ सरकार व मीडिया जिस तरह हंगामा खड़ा कर रहा है और उन पर बिना जांच-पड़ताल के इल्जाम लगाए जा रहे हैं, वह बिल्कुल गलत है। मौलाना ने साफ तौर पर कहा कि जाकिर नाईक के खिलाफ मसलकी और फिकही मामलात के तहत दारुल उलूम द्वारा जो फतवे पहले जारी किए गए थे, आज उन्हें मीडिया नाईक के खिलाफ हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है। गलतफहमी पैदा करने की कोशिश की जा रही है कि दारुल उलूम देवबंद ने मौजूदा हालात को देखते हुए जाकिर के खिलाफ फतवा जारी किया। यह सरासर गलत है। दारुल उलूम इसकी मुखालफत करता है। आगाह करना चाहता है कि मीडिया पूर्व में दिए गए फतवों को गलत तरीके से पेश न करे। उन्होंने कहा कि देश के मुसलमानों को न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो जाने के बाद ही जाकिर नाईक के बारे में कोई भी राय कायम करना दुरुस्त होगा।
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