Move to Jagran APP

बजट से उद्यमियों को अच्छे दिनों की आस

रामपुर। आगामी बजट का इंतजार जहां आम आदमी को है, वहीं उद्योग जगत को भी अच्छे दिनों की आस है। जिले के

By Edited By: Published: Sat, 21 Feb 2015 01:34 AM (IST)Updated: Sat, 21 Feb 2015 01:34 AM (IST)
बजट से उद्यमियों को अच्छे दिनों की आस

रामपुर। आगामी बजट का इंतजार जहां आम आदमी को है, वहीं उद्योग जगत को भी अच्छे दिनों की आस है। जिले के उद्यमियों इस उम्मीद में हैं कि मोदी सरकार का बजट उद्योगों की तरक्की वाला होगा।

loksabha election banner

जिले में मैंथा और चावल का बड़ा कारोबार है। इसके अलावा पैकेजिंग, इलेक्ट्रानिक्स, फूड्स आदि की इकाइयां हैं। पशु पालन, डेयरी, मछली पालन जैसे लघु और कुटीर उद्योग लगे हैं। इन सब में अकेले मैंथा का कारोबार डेढ़ हजार करोड़ का है। हालांकि पिछले कुछ समय से मैंथा उद्योग पर संकट के बादल छाए हुए हैं। मैंथा उद्योग पर टैक्स की मार पड़ी है तो अब सिंथेटिक मैंथोल ने उनकी नींद उड़ा दी है। जिले में राइस मिलें भी सौ से ज्यादा हैं। चावल उद्योग पर भी संकट छाया है। उद्यमियों की मांग है कि सरकार चावल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए विशेष पैकेज दे। इससे उद्यमियों के साथ ही किसानों को बी लाभ मिल सकेगा। केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद उद्यमियों में अच्छे दिनों की आस जगने लगी है। उद्यमियों को उम्मीद है कि बजट में उद्योगों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। मेक इन इंडिया के जरिए सरकार देश का आर्थिक ढांचा मजबूत करेगी। जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) लागू होगा, जिससे देश के किसी भी राज्य में टैक्स की दर एक समान होगी। जीएसटी के बाद केंद्रीय उत्पाद शुल्क, अतिरिक्त कस्टम ड्यूटी, जैसे टैक्स से छुटकारा मिलेगा तो वैट, बिक्री कर, मनोरंजन कर आदि करों का बोझ खत्म हो जाएगा।

सकल घरेलू उत्पाद बढ़े तो बने बात : आकाश

आइआइए (इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिशन) के चेयरमैन आकाश सक्सेना हनी ने वर्ष 2015-16 के आम बजट को लेकर काफी उम्मीद जताई हैं। उनका कहना है कि मेक इन इंडिया के जरिए सरकार देश का आर्थिक परिदृश्य बदल सकती है। इसके लिए जरूरी है सकल घरेलू उत्पाद, यानी जीडीपी में मैन्यूफैक्च¨रग सेक्टर की हिस्सेदारी बढ़ाई जाए। जीडीपी 15 फीसदी से बढ़कर 25 फीसदी तक लानी होगी। सरकार को अंतराष्ट्रीय निवेशकों में विश्वास बहाल करना होगा। ऐसा इसलिए जरूरी है, क्योंकि जब सरकार निवेश बढ़ाने को प्रयासरत है तो एफडीआइ (प्रत्यक्ष निवेशक) और एफआइआइ (विदेशी संस्थागत निवेशक) का निवेश वांछित है और हमारी अर्थव्यवस्था में इनका निवेश होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बहुप्रतीक्षित जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) लागू करने के लिए बजट में रोडमैप घोषित किया जाना चाहिए। इससे दुनिया भर में निवेशकों को एक सकारात्मक संदेश जाएगा। जीएसटी लागू होने से केंद्र के केंद्रीय उत्पाद शुल्क, अतिरिक्त उत्पाद शुल्क, एडिशनल कस्टम ड्यूटी, विशेष और अतिरिक्त कस्टम ड्यूटी, वस्तुओं और सेवाओं पर लगने वाले सरचार्ज व सेस खत्म हो जाएंगे। इसी तरह राज्यों के टैक्स जैसे वैट, बिक्री कर, मनोरंजन कर, केंद्रीय बिक्री कर, चुंगी और प्रवेश कर आदि भी समाप्त होंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.