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    अमृत योजना के प्रस्ताव फाइलों में सिमटे

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    Updated: Tue, 24 May 2016 01:01 AM (IST)

    जागरण संवाददाता, पीलीभीत : केंद्र सरकार के स्मार्ट सिटी मिशन के लिए नगर पालिका परिषद मानक पूरे नहीं

    जागरण संवाददाता, पीलीभीत : केंद्र सरकार के स्मार्ट सिटी मिशन के लिए नगर पालिका परिषद मानक पूरे नहीं कर सकी लेकिन अटल मिशन फॉर रेजुवेनशन एंड 26-अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (अमृत योजना) में शहर को चयनित किया जा चुका है। चयन तो पिछले साल ही हो गया लेकिन प्रस्तावित कार्यों के लिए धनराशि का आवंटन अभी तक नहीं हुआ है। विभिन्न विकास कार्यों के लिए तैयार किए गए प्रस्ताव फाइलों में सिमटकर रह गए हैं।

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    शहर के लिए अमृत योजना को मंजूरी मिलने के बाद सबसे पहले सभी पार्कों का सुंदरीकरण कराने के लिए शासन से प्रस्ताव मांगे गए। नगर पालिका परिषद ने टनकपुर हाईवे स्थित नेहरू ऊर्जा उद्यान, एकता सरोवर पार्क, स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन से जुड़े ऐतिहासिक रामस्वरूप पार्क, स्टेशन चौराहा पर स्थित नेहरू पार्क का सुंदरीकरण कराने के लिए प्रस्ताव तैयार करके शासन को कई महीने पहले ही भेजे जा चुके हैं लेकिन अभी तक धनराशि आवंटित नहीं हो सकी। शहर के सबसे बड़े पार्क नेहरू ऊर्जा उद्यान में फव्वारा लगाने, बाउंड्रीवाल की रंगाई पुताई, उद्यान के चारो ओर लाइ¨टग, उद्यान परिसर में बच्चों के मनोरंजन के लिए झूले लगाने, उद्यान परिसर में स्थित सरोवर का जीर्णोद्धार कर नाव डालने समेत अन्य कार्य प्रस्तावित हैं। शहर की बढ़ती पेयजल जरूरतों को पूरा करने के लिए पेयजल पुनर्गठन योजना के प्रस्ताव जल निगम की ओर से तैयार करके शासन को भेजे गए थे। नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी वीपी ¨सह के अनुसार अब शासन की ओर से कहा गया है कि जल निगम संशोधित रूप से पुन: प्रस्ताव तैयार करके भेजे। जल निगम अपने प्रस्ताव को संशोधित कर रहा है। उन्होंने बताया कि अमृत योजना में सबसे पहले पार्कों का सुंदरीकरण कराया जाना है लेकिन प्रस्ताव भेजे जाने के बावजूद अभी तक धनराशि नहीं मिलने की वजह से कार्य शुरू नहीं हो सके हैं।

    नमामि गंगे प्रोजेक्ट से होगा पौधारोपण

    केंद्र सरकार की नमामि गंगे परियोजना के माध्यम से सामाजिक वानिकी विभाग को गोमती नदी के किनारे पौधारोपण करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसका कार्य मानसून सीजन में शुरू किया जाना है। इसके अलावा पीलीभीत टाइगर रिजर्व एरिया में 500 हेक्टेयर क्षेत्रफल में भी पौधारोपण किया जाएगा। इसके लिए वन विभाग ने तैयारी शुरू की है। गोमती के उद्गम से ही नदी की धारा को अविरल बनाने के लिए भी प्रस्ताव तैयार करके शासन को भेजा जा चुका है। फिलहाल साढ़े तीन करोड़ की धनराशि स्वीकृत होना बताया गया है। प्रथम चरण में माधोटांडा साइफन से गोमद झील तक नाला के माध्यम से पानी पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी। अगले चरण में नदी की भूमि से कब्जे हटवाकर उसे गहरा बनाने का कार्य किया जाएगा।