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    अमेरिका की तर्ज पर यूपी में भी चुनाव प्रचार, अखिलेश यादव ने किया प्रयोग

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Wed, 01 Feb 2017 09:59 AM (IST)

    सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल यादव ने बताया कि अमेरिकी चुनाव में तकनीक का बेहद इस्तेमाल होता है। भारत में होने वाले चुनाव तकनीकी तौर पर उतने मजबूत नहीं है।

    अमेरिका की तर्ज पर यूपी में भी चुनाव प्रचार, अखिलेश यादव ने किया प्रयोग

    नोएडा (जेएनएन)। नोएडा में पहली बार चुनाव प्रचार का प्रबंधन अमेरिका के तर्ज पर हो रहा है। हालांकि, अमेरिका में जिस स्तर पर तकनीक का इस्तेमाल होता है, उतना नोएडा में संभव नहीं हो पा रहा है। हालांकि, अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव के दौरान सीखी गई कई बारीकियों से प्रचार तंत्र को मजबूत करने के साथ संगठन को एकजुट रखने का प्रयास किया जा रहा है।

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    अखिलेश यादव ने अमेरिका भेजा था चुनाव प्रबंधन सीखने

    दरअसल, नोएडा के समाजवादी पार्टी के नेता अनिल यादव, आश्रय गुप्ता और पंखुड़ी पाठक को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान अपनाए जाने वाले चुनावी प्रबंधन की जानकारी करने के लिए अमेरिका भेजा था। इन नेताओं ने पूरे चुनाव प्रचार प्रबंधन को बारीकी से समझा।

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    चुनाव खत्म होने के बाद तीनों नेता नोएडा आ गए। अमेरिकी चुनाव की बारीकी से उन्होंने मुख्यमंत्री को अवगत कराया। तीनों नेता नोएडा के हैं। इस कारण मुख्यमंत्री ने तीनों को नोएडा चुनाव में अमेरिकी प्रचार प्रबंधन को अपनाने का दिशा-निर्देश दिया।

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    अमेरिकी चुनाव में ज्यादा होता है तकनीक का इस्तेमाल

    सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल यादव ने बताया कि अमेरिकी चुनाव में तकनीक का बेहद इस्तेमाल होता है। भारत में होने वाले चुनाव तकनीकी तौर पर उतने मजबूत नहीं है। इस कारण अमेरिका चुनाव में अपनाए जाने वाले तकनीक का इस्तेमाल नोएडा में नहीं हो पा रहा है।

    बावजूद इसके लोगों से जुड़ने के अलावा संगठन को मजबूत करने और एकजुट रखने में होने वाले अमेरिकी चुनाव प्रबंधन का इस्तेमाल नोएडा में हो रहा है।

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    अमेरिका चुनाव में अपनाए जाने वाली प्रबंधन तकनीक

    1- प्रत्याशी प्रत्येक दिन विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी प्रमुख पार्टी कार्यकर्ताओं से संपर्क करते हैं।
    2- प्रत्याशी या बड़े नेता कार्यकर्ताओं को सिर्फ अपनी बात बताने की बजाए उनकी राय को भी तवज्जो देते हैं।
    3- अमेरिका में मैसेज कॉल को कितने लोगों ने पूरा सुना, इसको जानने की व्यवस्था है। इससे पार्टी या प्रत्याशी के प्रति लोगों के मन का क्या रुझान है, इसकी जानकारी हो जाती है।
    4- अमेरिका में एक साथ प्रचार करने की बजाए टोली बनाकर प्रचार का प्रचलन है।
    5- अमेरिका में पेड कार्यकर्ताओं की व्यवस्था है।
    6- पार्टी नेताओं को एकजुट रखने की जिम्मेदारी प्रत्याशी के साथ अन्य नेताओं की होती है।
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    7- डोर टू डोर प्रचार
    8- कार्यकर्ताओं की राह को तवज्जो। प्रत्याशी कार्यकर्ताओं की राय से बना रहे चुनावी मुददा
    9- प्रत्याशी पार्टी के सभी नेताओं से कर रहे खुद संपर्क। जिससे संगठन में न हो बिखराव।

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