नोटबंदी का असर, मुश्किल दौर में हस्तशिल्प उद्योग
नोटबंदी का असर हस्तशिल्प उद्योग पर भी पड़ा है। निर्यातक परेशान हैं क्योंकि दिसंबर माह में हस्तशिल्प निर्यातकों को करीब 2 हजार करोड़ रुपये का आर्डर पूरा करना था।
नोएडा [कुंदन तिवारी]। नोटबंदी का असर हस्तशिल्प उद्योग पर भी पड़ा है। हस्तशिल्प उद्योग से जुड़े एक लाख कारीगर पिछले एक माह से नकदी की समस्या से जूझ रहे हैं। नकद भुगतान नहीं होने पर निर्यातकों के आर्डर का काम रोक दिया गया है। निर्यातक परेशान हैं क्योंकि दिसंबर माह में हस्तशिल्प निर्यातकों को करीब 2 हजार करोड़ रुपये का आर्डर पूरा करना था।
समस्या से जल्द निजात पाने के लिए निर्यातकों ने एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडी क्रॉफ्ट के पदाधिकारियों संपर्क साधा है लेकिन हालात नहीं बदले हैं। काउंसिल पदाधिकारियों का कहना है कि केंद्रीय वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण से इस मामले पर 15 दिन पहले बातचीत हुई थी। इसमें हस्तशिल्प निर्यातकों के लिए काउंसिल ने आग्रह किया था कि पांच लाख रुपये प्रति सप्ताह नकद निकालने की अनुमति दी जाए, चूंकि हस्तशिल्प निर्यातकों का सारा पैसा आर्डर पूरा होने के बाद बैंक में आता है।
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मुश्किल में कारीगर
कारीगरों को दैनिक और सप्ताहिक नकद भुगतान कर अपना आर्डर पूरा कराया जाता है। कारीगरों के पढ़े लिखे नहीं होने से अधिकांश ने तो बैंक में खाता तक नहीं खुलवाया है। ऐसे में नकदी की समस्या होने से उन्हें भुगतान नहीं किया जा रहा है, रॉ मैटेरियल भी इस कारोबार में नकद ही भुगतान कर आता है। ऐसे में एक नंबर में पूरा कारोबार करने के बावजूद नकदी की समस्या से पूरा उद्योग जूझ रहा है। इस पर मंत्री ने जल्द ही वित्त मंत्री से बातचीत कर समस्या का समाधान कराने का आश्वासन दिया है लेकिन 15 दिन बीत जाने के बाद अभी तक कोई भी निर्देश जारी नहीं हो सका।
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हस्तशिल्प उद्योग की स्थिति
-देश में हस्तशिल्प कारोबार 22 हजार करोड़ रुपये का है।
-कारोबार से जुड़े 10 हजार निर्यातक काम कर रहे हैं।
-इस कारोबार से जुड़ उत्तर प्रदेश से 5 हजार निर्यातक काम रहे हैं।
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