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    यमुना प्राधिकरण व डीएमआरसी के बीच एमओयू साइन

    By Edited By:
    Updated: Mon, 29 Jun 2015 08:46 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : मेट्रो को जेवर तक दौड़ाने की कवायद एक कदम आगे बढ़ गई है। यमुना प्राधि ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : मेट्रो को जेवर तक दौड़ाने की कवायद एक कदम आगे बढ़ गई है। यमुना प्राधिकरण व डीएमआरसी के बीच सोमवार को एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। डीएमआरसी चार माह में मेट्रो के लिए टेक्नोइकोनमिक फिजिबिलटी रिपोर्ट तैयार करेगी।

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    यमुना प्राधिकरण ने मेट्रो के जेवर तक विस्तार की योजना को अमलीजामा पहनाने की कवायद शुरू कर दी गई है। सोमवार को प्राधिकरण की ओर से नियोजन विभाग की महाप्रंबधक मीना भार्गव व डीएमआरसी की ओर से सलाहकार प्रमोद कुमार ने एमओयू पर हस्ताक्षर किया। डीएमआरसी मेट्रो को जेवर तक ले जाने के लिए टेक्नोइकनोमिक फिजिबलटी रिपोर्ट चार माह में तैयार करेगी। मेट्रो ट्रैक के निर्माण, मेट्रो के प्रस्तावित स्टेशन की लोकेशन, अन्य सुविधाओं, रूट पर यात्रियों का दबाव आदि की आंकलन किया जाएगा। फिजिबिलटी रिपोर्ट के के आधार पर ही मेट्रो पर होने वाले निर्माण खर्च का आंकलन किया जाएगा। फिजिबिलटी रिपोर्ट के बाद डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार की जाएगी। प्राधिकरण की योजना यमुना एक्सप्रेस वे की सर्विस रोड के किनारे जमीन पर मेट्रो को जेवर तक ले जाने की है। परीचौक से जेवर तक मेट्रो ट्रैक की दूरी करीब चालीस किलोमीटर होगी। जमीन पर मेट्रो ट्रैक बनाने से निर्माण लागत व समय में बचत होगी। हालांकि यमुना एक्सप्रेस वे के अंडर पास की जगह पर मेट्रो को भूमिगत या एलिवेटिड ट्रैक पर दौड़ाया जा सकता है। प्राधिकरण का अनुमान है कि जेवर तक मेट्रो ले जाने में करीब दो हजार करोड़ रुपये की जरूरत होगी।

    जेवर तक मेट्रो के पहुंचने से जिले की सीमा तक इसकी सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। लोग मेट्रो के जरिये सीधे ग्रेटर नोएडा, नोएडा, दिल्ली से जुड़ जाएंगे। लोगों के लिए मेट्रो के रूप में परिवहन का एक उम्दा जरिया उपलब्ध होगा। दनकौर, रबूपुरा के अलावा यमुना प्राधिकरण के आवासीय सेक्टर, औद्योगिक क्षेत्र, स्पो‌र्ट्स सिटी, फार्मला वन तक पहुंचना आसान हो जाएगा।

    मेट्रो को जेवर तक ले जाने के लिए यमुना प्राधिकरण व डीएमआरसी के बीच एमओयू साइन किया गया है। डीएमआरसी फिजिबिलटी रिपोर्ट व डीपीआर तैयार कर प्राधिकरण को सौंपेगी।

    संतोष यादव, सीईओ यमुना प्राधिकरण