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    अधूरी परियोजनाओं का रास्ता अब होगा साफ

    By Edited By: Updated: Thu, 26 Jun 2014 09:37 PM (IST)

    धर्मेद्र चंदेल, ग्रेटर नोएडा : जमीन न मिलने के कारण अटकी पड़ी शहर की कई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को अब पंख लगेंगे। प्रदेश सरकार ने नए भूमि अधिग्रहण बिल में पहला बदलाव किया है। इस बदलाव से रेल, सड़क, पुल, पावर प्लांट एवं औद्योगिक विकास की योजनाओं के लिए जिलाधिकारी को सौ एकड़ तक जमीन अधिगृहीत करने का अधिकार मिल गया है। अभी तक डीएम को सिर्फ दस एकड़ तक भूमि अधिगृहीत करने का अधिकार था। वहीं जमीन न मिलने के कारण मेट्रो, दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रीयल (डीएमआइसी) एवं सड़कों के चौड़ीकरण की योजना खटाई में पड़ रही थी। इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए प्राधिकरण अब जिलाधिकारी के माध्यम से शीघ्र जमीन अधिग्रहण के प्रस्ताव शासन को भेजेगा। अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होते ही परियोजनाओं का निर्माण शुरू हो जाएगा।

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    उल्लेखनीय है कि एक जनवरी से समूचे देश में भूमि अधिग्रहण बिल के लागू होने के बाद प्राधिकरण को जमीन मिलनी बंद हो गई है। नए बिल में इतनी पेचीदगी है कि उसके हिसाब से भविष्य में भी जमीन अधिग्रहण करना आसान नहीं होगा। वहीं प्राधिकरण की कई परियोजना ऐसी हैं, जो जमीन न मिलने के कारण बीच में फंसी हुई हैं। इन पर काफी हद तक काम भी हो चुका है। फंसी योजनाओं के निकलाने के लिए प्रदेश सरकार ने बिल में बदलाव किया है। कैबिनेट से मंजूरी के बाद इसे लागू भी कर दिया गया है।

    हटेगी अब डीएमआइसी के निर्माण की अड़चन

    जमीन न मिलने का सर्वाधिक असर दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रीयल कॉरीडोर (डीएमआइसी) के निर्माण पर पड़ रहा था। यह महत्वाकांक्षी परियोजना मुंबई से शुरू होगी। महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान आदि सात राज्यों से होती हुई यह परियोजना ग्रेटर नोएडा के बोड़ाकी रेलवे स्टेशन पर पहुंचेगी। बाकी राज्यों में इसका निर्माण शुरू हो चुका है। जिले में जमीन न मिलने के कारण योजना पर काम नहीं हो पा रहा था। प्राधिकरण समझौते के आधार पर जमीन लेने में लगा था। नए बदलाव के बाद प्राधिकरण अब अधिग्रहण की कार्रवाई करेगा। इस परियोजना से ग्रेटर नोएडा और आसपास के क्षेत्र में करीब 72 हजार करोड़ रुपये का पूंजी निवेश होगा और 12 लाख लोगों को नौकरी मिलेंगी।

    मेट्रो के निर्माण का रास्ता भी बढ़ेगा आगे

    नोएडा से ग्रेटर नोएडा के परी चौक तक मेट्रो लाने में कोई अड़चन नहीं है। इससे आगे बोड़ाकी रेलवे स्टेशन तक मेट्रो को ले जाने के लिए प्राधिकरण को जमीन नहीं मिल रही थी। इस वजह से योजना की विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) नहीं बन पा रही थी। अब इसका रास्ता भी साफ हो जाएगा।

    कई सड़कों के निर्माण की बाधा भी होगी दूर

    जमीन न मिलने की वजह से अल्फा सेक्टर से बोड़ाकी जाने वाली 105 मीटर चौड़ी सड़क का काम भी जुनपत गांव के पास पिछले कई वर्षो से रूका पड़ा है। प्राधिकरण नए कानून के हिसाब से जमीन अधिगृहीत कर सड़क का मार्ग खोलेगा। इसके अलावा सैनी गांव से बादलपुर जीटी रोड तब बनने वाली 60 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण भी वैदपुरा गांव के पास रूका पड़ा था। जमीन मिलने के बाद इसे भी पूरा किया जा सकेगा।

    पुल निर्माण में भी आएगी तेजी

    जमीन उपलब्ध न होने के कारण दादरी रेलवे ओवर ब्रिज, बोड़ाकी गांव के पास दिल्ली-हावड़ा ट्रैक के ऊपर बनने वाला पुल व हिंडन नदी के ऊपर जलपुरा व बिसरख गांव के बीच बनाए जाने वाले पुलों का निर्माण भी जमीन मिलने के बाद पूरा हो सकेगा।

    तीन से चार माह में स्वीकृत हो जाएंगे अधिग्रहण के प्रस्ताव

    अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए प्राधिकरण शीघ्र सौ एकड़ तक के जमीन अधिग्रहण के प्रस्ताव तैयार कर जिलाधिकारी के माध्यम से शासन को भेजेगा। तीन से चार माह में प्रस्तावों को शासन की मंजूरी मिल जाएगी। इसके बाद इन परियोजनाओं का निर्माण में लगा रोड़ा पूरी तरह से हट जाएगा।

    मेट्रो व डीएमआइसी ऐसी परियोजनाएं हैं, जिसके शुरू होने के बाद ग्रेटर नोएडा की तस्वीर बदल जाएगी। इनमें लोगों को अड़ंगा नहीं लगाना चाहिए। प्राधिकरण की कोशिश इन परियोजनाओं को शीघ्र पूरा कराने की है। लोग इसमें सहयोग करें।

    -रमा रमण, चेयरमैन व सीईओ, नोएडा, ग्रेटर नोएडा