फौज और कर्फ्यू से भी नहीं संभल रहे हालात
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मुजफ्फरनगर : मुजफ्फरनगर में कर्फ्यू व सेना के मोर्चा संभाल लेने के बाद भी जिले के ग्रामीण इलाकों में हालात नियंत्रण में नहीं है। रविवार को दूसरे दिन भी देहात क्षेत्र दिनभर जलता रहा। रविवार को हिंसा की ताजा वारदातों में ग्रामीण इलाकों में 13 लोग मारे गए। हिंसा में घायल एक महिला ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। शवों की बरामदगी का सिलसिला जारी है। दंगे की लपटें मुजफ्फरनगर- शामली सीमा तक पहुंच गई हैं। बलवाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दे दिए गए हैं। एडीजे कानून-व्यवस्था ने बताया कि हिंसा में मृतकों की संख्या 26 है और 40 लोग घायल हैं। हालांकि मरने वाले की संख्या इससे कहीं ज्यादा होने की आशंका है। नंगला मंदौड़ की महापंचायत के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली गई है और गन्ने के खेतों में असलहा बरामदगी के लिए अभियान चलाया जा रहा है। रजवाहों और नहरों में शव फेंके जाने की बात पूरी तरह से अफवाह है। डीएम ने स्कूल, कालेज 11 सितंबर तक बंद करने की घोषणा की है। एहतियतान मेरठ में भी पुलिस ने सेना के साथ फ्लैग मार्च किया और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की।
शनिवार को कवाल प्रकरण को लेकर महापंचायत में जा रहे लोगों पर हमले से शुरू हुआ हिंसा का सिलसिला रविवार को भी मुजफ्फरनगर को जलाता रहा। शहर में आगजनी और मारपीट की घटनाएं हुईं। भोपा रोड पर टायर व स्पेयर पार्ट्स की दुकान में आग लगाने के साथ एक व्यक्ति से मारपीट की। शहर में मोर्चा संभालने के बाद सेना ने फ्लैग मार्च किया। लेकिन लगभग पूरा मुजफ्फरनगर देहात हिंसा की आग में जलता रहा। शाहपुर थाने के गांव कुटबा-कुटबी में हुई हिंसा में महिला समेत चार लोगों की मौत हो गई, दर्जनों लोग घायल हैं। सेना के पहुंचने के बाद ही हालात काबू में आए। शामली-मुजफ्फरनगर सीमा पर स्थित लिसाढ़ गांव में भी फायरिंग और आगजनी हुई। चार लोगों के मारे जाने की सूचना है, लेकिन अधिकारी इससे इन्कार कर रहे हैं। लाक गांव में भी कई लोगों के मारे जाने की खबर है। सोरम में दो समुदायों के बीच आमने-सामने की फायरिंग हुई। जानसठ ,मीरापुर व मंसूरपुर के कई गांवों में दो समुदाय आमने-सामने हैं। जबरदस्त फायरिंग और आगजनी में दर्जनों लोग घायल हैं। छपार में सिसौना के पास एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस गांव के कुछ महिला, पुरुषों को थाने ले आई है। भोपा में भारी तनाव के मद्देनजर सेना तैनात कर दी गई है। जौली के पास गंग नहर से कई शव मिलने की सूचना पर दोपहर बाद गंग नहर का पानी रोककर तलाश कराई गई। अधिकारियों ने नहर में कोई शव मिलने की बात से इन्कार किया है। इसके अलावा भी देहात क्षेत्र के कई स्थानों पर छिटपुट वारदातें हुईं। शाम को एडीजी लॉ एंड आर्डर अरुण कुमार ने कुटबा-कुटबी और लिसाढ़ का जायजा लिया। एडीजी लॉ एंड आर्डर अरुण कुमार, आइजी राजकुमार विश्वकर्मा, डीआइजी मेरठ, डीआइजी सहारनपुर समेत कई आइपीएस अधिकारी शहर में कैंप किए हैं लेकिन हालात पूरी तरह बेकाबू हैं। प्रशासन ने 26 मौतों की पुष्टि कर दी है।
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