संसद पर एक और हमले की रची जा रही थी साजिश?
सुशील कुमार, मेरठ मेरठ में पकड़े गए पाक जासूस मोहम्मद एजाज के इरादे बेहद खतरनाक थे। पूछताछ में एजा
सुशील कुमार, मेरठ
मेरठ में पकड़े गए पाक जासूस मोहम्मद एजाज के इरादे बेहद खतरनाक थे। पूछताछ में एजाज ने हैरतअंगेज खुलासा किया है। उसने संसद की रेकी कर पाकिस्तान को सूचना भेजने की बात स्वीकार की है। खुफिया एजेंसियां इसके बाद इस पड़ताल में जुट गई हैं कि कहीं संसद पर एक और हमले की साजिश तो नहीं रची जा रही थी?
रिमांड के पहले ही दिन सुबह नौ बजे से शाम तक पाक जासूस मोहम्मद एजाज से विभिन्न एजेंसियों ने कड़ी पूछताछ की। एजाज से दिल्ली के मेट्रो ट्रैवलर कार्ड के बारे में पूछा गया। कहा गया कि बरेली में रहने के बाद दिल्ली मेट्रो में सफर क्यों करता था? वह भी महीने में कई-कई बार। खुफिया एजेंसी की मानें तो एजाज ने माह में छह से सात बार दिल्ली जाने की बात स्वीकार की है। उसने संसद की रेकी करने की बात स्वीकारी है। एजाज ने बताया है कि आइएसआइ के मेजर सलीम को संसद की रेकी कर सूचनाएं भेज चुका है। संसद भवन की रेकी करने के पीछे क्या उद्देश्य था, इस सवाल पर एजाज आनाकानी करता रहा। माना जा रहा है कि संसद पर दूसरे हमले की एजाज साजिश रच रहा था। एजाज का कनेक्शन दिल्ली में पकड़े गए कफेतुल्ला खान से भी जुड़ता नजर आ रहा है। एजेंसी ने एजाज से पूछा है कि कफेतुल्ला खान और बीएसएफ के हेड अब्दुल रशीद से उसकी कोई वार्ता हुई है या नहीं? सूत्रों पर यकीन करें तो अब्दुल रशीद और कफेतुल्ला खान के बीच बड़ी डील हुई थी, जिसमें एक सूचना के एक लाख रुपये वसूले जाते थे। ऐसे में कोई सूचना अब्दुल रशीद और कफेतुल्ला खान को बेची या खरीदी तो नहीं? इस पर अभी तक पाक जासूस कोई जवाब नहीं दे पाया। साथ ही कोलकाता, पश्चिम बंगाल में पकड़े गए चौथे पाक जासूस शेख बादल से भी एजाज के संबंधों के बारे में जानकारी जुटाई गई है। इरशाद, उसके बेटे अशफाक और रिश्तेदार जहांगीर के बाद ही शेख बादल पकड़ा गया है। हालांकि अभी इरफान और प्रोबीन फरार चल रहे हैं। शेख बादल से भी अपने रिश्तों को पाक जासूस एजाज नकारता रहा।
क्या हो सकता है कनेक्शन : मेरठ से पाक जासूस एजाज की गिरफ्तारी के बाद कोलकाता में पाक जासूस इरशाद, उसके बेटे अशफाक और रिश्तेदार जहांगीर को पकड़ा गया। उसके एक दिन बाद ही दिल्ली से कफेतुल्ला खान और बीएसएफ के हेड अब्दुल रशीद का नाम सामने आया और बुधवार को फिर कोलकाता से शेख बादल पकड़ा गया। ऐसे में माना जा रहा है कि भारत में आइएसआइ ने अपना मजबूत नेटवर्क खड़ा किया है।
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