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    मेरठ में बहेगी वेद-पुराणों के मंत्रों की सरिता

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    Updated: Fri, 24 Jul 2015 08:29 PM (IST)

    मेरठ : ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व रखने वाले मेरठ की फिजां में बहुत जल्द ही वेद-मंत्रों की ध्वनि ग

    मेरठ : ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व रखने वाले मेरठ की फिजां में बहुत जल्द ही वेद-मंत्रों की ध्वनि गूंजेगी। वेद-पुराणों के मंत्रों से रहस्य उठेंगे और वैदिक सभ्यता की सरिता बहेगी। शुक्रवार को दिल्ली रोड स्थित मेजर ध्यानचंद नगर में 'श्रीशारदा वैदिक विद्यापीठ एवं अनुसंधान संस्थान' का शुभारंभ हुआ।

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    बनारस से आए संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. शिवजी उपाध्याय ने उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि वेदों का ज्ञान प्रकाश संपूर्ण विश्व समुदाय के लिए नितांत कल्याणकारी व उपयोगी है। वेदों में यज्ञ-विधान, आश्रम, गुरुकुल, संस्कार, योग, ज्ञानमार्ग, दर्शन, भौतिक, रसायन, गणित विज्ञान, पर्यावरण, जल, औषधि, उपचार पद्धति एवं वनस्पति की उपादेयता व इनके संरक्षण के सत्परिणामों की ओर उन्मुख होने के प्रभूत संकेत दृष्टिगत होते हैं। उन्होंने वैदिक सभ्यता तथा वेद-पुराणों के प्रचार-प्रसार की आवश्यकता बतायी और कहा कि मौजूदा समय में इसकी नितांत आवश्यकता है। मुख्य अतिथि शिक्षक नेता ओम प्रकाश शर्मा, हेमसिंह पुंडीर, संस्कृत के विद्वान अरविन्द कुमार तिवारी रहे।

    संस्था के निदेशक डा. चिन्तामणि जोशी ने बताया कि यहां वेद की चारों शाखाओं की स्थापना, आचार्याे की नियुक्ति होगी। छोटे बच्चों को चारों शाखाओं का ज्ञान कराया जाएगा। शोध संस्था के रूप में भी कार्य होगा। वेदों के रहस्यों पर रिसर्च होगी। इसी के साथ वैदिक मंत्रों के रहस्यों के निष्कर्ष से आम लोगों को लाभान्वित किया जाएगा। अभी तो यहां एक तल पर शुरुआत की गयी है। परतापुर में विस्तृत रूप में इसका निर्माण चल रहा है। इस दौरान सचिव पुनीत वर्धन गुप्ता, कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष कृष्ण कुमार किशनी आदि मौजूद रहे।