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    केजरी पर व्यक्तिवाद, परंपरावाद और सत्ता के केंद्रीयकरण का आरोप

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Thu, 09 Apr 2015 08:43 PM (IST)

    आम आदमी पार्टी (आप) के विद्रोही नेता योगेन्द्र यादव ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की राजनीति पर व्यक्तिवाद, परंपरावाद और सत्ता के केंद्री ...और पढ़ें

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    लखनऊ। आम आदमी पार्टी (आप) के विद्रोही नेता योगेन्द्र यादव ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की राजनीति पर व्यक्तिवाद, परंपरावाद और सत्ता के केंद्रीयकरण की बीमारी लगने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि 14 अप्रैल को गुडग़ांव में स्वराज संवाद का आयोजन कर नई राह तलाशी जाएगी। संवाद जोडऩे की प्रक्रिया है और वह आप को तोडऩे का कोई प्रयास नहीं कर रहे हैं, न ही कोई पार्टी बनाएंगे।

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    आज लखनऊ के विधायक निवास में योगेन्द्र यादव पत्रकारों से बताया कि पांच दिन पहले संवाद की घोषणा हुई और इसमें 3591 लोगों ने शामिल होने की सहमति दी है। इनमें 661 उत्तर प्रदेश के लोग हैं। आप के टिकट पर लोकसभा चुनाव लडऩे वाले 70 उम्मीदवारों समेत मेधा पाटकर, अरुणा राय, निखिल देव और शांतिभूषण भी इस संवाद में आ रहे हैं। योगेन्द्र यादव से जब पूछा गया कि क्या केजरीवाल और मनीष सिसौदिया को भी संवाद में बुलाया है तो उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने रजिस्टे्रशन कराया, उनकी जांच कर बुला रहे हैं। केजरीवाल ने अपना रजिस्ट्रेशन अभी तक नहीं कराया है। उन्होंने अरविन्द केजरीवाल के विधायकों को लेकर पार्टी छोडऩे के बयान पर तंज कसा। कहा कि वे लोग विधायकों को तोडऩे का कोई प्रयास नहीं कर रहे हैं। राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के टकराव के सवाल पर उन्होंने यह बार-बार दोहराया कि वह किसी व्यक्तिगत समाधान की तलाश में नहीं हैं। निष्कासित लोगों के साथ मिलकर विद्रोही भूमिका के बाबत योगेन्द्र ने कहा कि मैं ऐसे लोगों के साथ हूं जिनका निष्कासन संविधान के विरुद्ध हुआ है। उन्होंने आप सरकार के एक मंत्री के रवैए पर कहा कि वीआइपी संस्कृति का हिस्सा बनना दुर्भाग्यपूर्ण है। योगेन्द्र यादव ने कहा कि राजनीति में किसी व्यक्ति की कोई गारंटी नहीं होती है। घोड़े के चरित्र की गारंटी नाक में नकेल होती है। आप में संविधान की मूल भावना से खिलवाड़ हुआ है। सब कुछ ठीक रहे इसलिए बेहतर नकेल लगानी पड़ेगी। योगेन्द्र यादव ने यह साफ संकेत दिया कि स्वराज संवाद में केजरीवाल को घेरने की ही रणनीति बनेगी। योगेन्द्र ने कहा कि लोहिया ने समाजवादी पार्टी शुरू की और आज यह पार्टी कहां है। शर्म आती है। बसपा समेत तमाम दल ऐसी ही स्थिति में हैं। पार्टियां आंदोलन से शुरू होती हैं और किसी व्यक्ति की जेब में दफन हो जाती हैं।