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    VIDEO: यमुना एक्सप्रेस वे पर स्मॉग में एक के बाद भिड़े दो दर्जन वाहन

    By Ashish MishraEdited By:
    Updated: Thu, 09 Nov 2017 08:14 AM (IST)

    बुधवार सुबह छह बजे का वक्त। स्मॉग में डूबा यमुना एक्सप्रेस वे। इसी बीच गूंजी जोरदार आवाज। इसके बाद तो धांय-धड़ाम और लोगों के चीखने-चिल्लाने का सिलसिला चार घंटे तक जारी रहा।

    VIDEO: यमुना एक्सप्रेस वे पर स्मॉग में एक के बाद भिड़े दो दर्जन वाहन

    मथुरा (जेएनएन)। बुधवार सुबह छह बजे का वक्त। स्मॉग में डूबा यमुना एक्सप्रेस वे। सामने खड़ा आदमी तक दिखाई नहीं दे रहा। इसी बीच गूंजी जोरदार आवाज। इसके बाद तो धांय-धड़ाम और लोगों के चीखने-चिल्लाने और मदद की गुहार का जो सिलसिला शुरू हुआ, वह चार घंटे तक जारी रहा।

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    एक के बाद एक करीब दो दर्जन वाहन आपस में टकराते रहे। इन हादसों में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि विदेशी जोड़ा सहित एक दर्जन लोग घायल हो गए। पुलिस और एक्सप्रेस वे की रेस्क्यू टीम दो घंटे बाद पहुंची, तब तक आसपास के गांवों के लोगों ने जितनी हो सकती थी, घायलों की मदद की।

    फीरोजाबाद के जसराना के नगला पटिया निवासी तेजपाल ङ्क्षसह और औरैया के विधूना निवासी दुर्गेश कुमार आयशर कैंटर में जूते-चप्पल भरकर दिल्ली से बनारस के लिए निकले थे। पांच-सात कदम की दूरी पर उन्हें एक ट्रक पलटा पड़ा दिखा, लेकिन जब तक वे ब्रेक लगाते, कैंटर ट्रक से जा भिड़ा। दोनों केबिन में फंस गए। निकलने का प्रयास कर ही रहे थे कि पीछे से कार कैंटर से आ टकराई।

    इससे दोनों और बुरी तरह से फंस गए। कार सवार मदद को चीख रहे थे, तभी पीछे से आए ट्रक ने कार में टक्कर मार दी। पहले से हादसे का शिकार हुए वाहनों की खिड़की और केबिन बुरी तरह पिचक गए। शीशे चकनाचूर हो गए। इसी बीच परचून से भरा एक और कंटेनर ट्रक में आ घुसा और उसके भी चालक व परिचालक केबिन में फंसे रह गए। 

    उधर, बाहर कोहराम मच रहा था। मदद के लिए लोग चिल्ला रहे थे, लेकिन मदद के हाथ कहीं दिखाई नहीं दे रहे थे। असहाय लोग वीडियो बनाते रहे और चीखते रहे कि कोई रेड लाइट का इंतजाम करे, मगर रेस्क्यू टीम नदारद थी। हादसे में घायल और उनके बच्चे शोर मचाकर गाडिय़ों को रोकने का प्रयास करते, लेकिन चालकों को कुछ दिखाई नहीं दे रहा था।

    इसी बीच लगातार तेज आवाजें सुन अनहोनी की आशंका पर गांव हथौड़ा और अड्डा शाहपुर के लोग पहुंचे तथा घायलों की मदद में जुटे। अंतिम वाहन टकराने के करीब बीस मिनट बाद एक्सप्रेस वे के कर्मचारी और पुलिस पहुंची। कटर से गाडिय़ों को काट-काटकर यात्रियों को निकाला गया। अंतिम घायल करीब दस बजे केबिन से निकाला गया, जो स्टेयङ्क्षरग और पायदान के बीच में बुरी तरह फंसा हुआ था। 

     

    मौसम विभाग की मानें तो हवा में स्मॉग का असर अगले तीन दिनों तक और अधिक गहराएगा। अगले सप्ताह ही इससे राहत की उम्मीद जगती दिखाई दे रही है। एनसीआर में जहां हवा में प्रदूषण का स्तर चरम पर है, वहीं, लोगों को दिल्ली में सांस लेने मुश्किल आ रही है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों को अस्पताल तक में भर्ती कराना पड़ रहा है। स्मॉग के चलते अमृतसर से कटिहार जाने वाली 15708 अप व 15708 डाउन आम्रपाली एक्सप्रेस को मंगलवार को रद कर दिया गया।

    ट्रेन रद किए जाने से यात्रियों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा। इसके अलावा, दिल्ली से रोहतक के रास्ते जाने वाली श्रीगंगानगर इंटरसिटी एक्सप्रेस और बरेली इंटरसिटी एक्सप्रेस को भी मंगलवार को रद्द कर दिया गया। कालका शताब्दी सहित एक दर्जन से अधिक ट्रेनें कई घंटों की देरी से पानीपत स्टेशन पर पहुंची। इस कारण यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी।