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मिट जाएंगे इस्लाम को तालिबानी बनाने वाले

आला हजरत के उर्स में पेशावर की घटना की सख्त अल्फाज में मजम्मत (निंदा) की गई। उलमा ने कहा कि मासूमों की हत्या बहुत ही कायराना और दिल को हिला देने वाली वारदात है। मासूमों का खून रायगां (बेकार) नहीं जाएगा। बददुआ दी कि बर्बाद हो जाएंगे बच्चों पर गोलियां

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 19 Dec 2014 03:47 PM (IST)Updated: Fri, 19 Dec 2014 03:55 PM (IST)
मिट जाएंगे इस्लाम को तालिबानी बनाने वाले

लखनऊ। आला हजरत के उर्स में पेशावर की घटना की सख्त अल्फाज में मजम्मत (निंदा) की गई। उलमा ने कहा कि मासूमों की हत्या बहुत ही कायराना और दिल को हिला देने वाली वारदात है। मासूमों का खून रायगां (बेकार) नहीं जाएगा। बददुआ दी कि बर्बाद हो जाएंगे बच्चों पर गोलियां बरसाने वाले। उलमा ने कहा कि मुसलमान सूफी इस्लाम के पैरोकार हैं, मिट जाएंगे इस्लाम को तालिबानी बनाने वाले।

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उर्स के दूसरे दिन बरेली के इस्लामिया मैदान में तकरीर की महफिल सजी। तलाक और जिना (दुष्कर्म) के मसाइल के साथ आतंकवाद के मुद्दे पर उलमा की जबर्दस्त तकरीर हुईं। तहरीक तहफ्फुज-ए-सुन्नियत के राष्ट्रीय महासचिव मुफ्ती मुहम्मद सलीम नूरी ने कहा कि बच्चों पर गोलियां बरसाने वाले कायर हैं। इन दहशतगर्दों का इस्लाम से कोई वास्ता नहीं है। आतंकवादी संगठन मजहब की आड़ लेकर इस्लाम को बदनाम करने में लगे हैं। मुसलमान पैगंबर-ए-इस्लाम और सूफिया-ए-कराम के पैरोकार हैं, जो किसी सूरत में तालिबान के जरिये खड़े किए जा रहे इस्लाम को कुबूल नहीं करते। दुआ की कि कायराना हमले करने वाले अंजाम को पहुंचेंगे। मौलाना मुख्तार बहेड़वी ने कहा कि पाकिस्तान के पेशावर में बच्चों का कत्ल इंसानियत को शर्मसार कर गया है। यह इस्लाम से पूरी तरह उलट है। इस्लाम तलवार से नहीं पैगंबर-ए-इस्लाम के अखलाक से फैला। इस मौके पर मौलाना साहिर उल कादरी (बिहार), कारी अब्दुर्रहमान खां ने भी खिताब किया। महफिल-ए-तकरीर में अजमेर के गद्दीनशीन सुल्तान अहमद चिश्ती, फरीदुल हसन चिश्ती, अफ्रीका के मौलाना अरशद रजा, ओमान के सलमान रजा, आस्ट्रेलिया के मौलाना फरहान रजा सैफी, श्रीलंका से आमिर सोहेल के अलावा कारी अमानत रसूल, मौलाना इस्माईल, मुफ्ती आकिल रजवी, मुफ्ती कफील हाशमी, कारी अब्दुल हकीम, मुफ्ती अफरोज आलम, मुफ्ती मुईनुद्दीन, मुफ्ती अय्यूब खां, मौलाना जिक्ररुल्ला मौजूद रहे। आखिर में नायब सज्जादानशीन मौलाना मुहम्मद अहसन रजा कादरी ने दुआ कराई। महफिल का आगाज तिलावते कलाम पाक से हुआ।


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