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    Mathura Clash: असलहा आपूर्ति का सुराग मिलने पर आएगा निर्णायक मोड़

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Thu, 09 Jun 2016 10:48 PM (IST)

    जवाहर बाग में असलहा आपूर्ति का सुराग मिलने के बाद मामले में निर्णायक मोड़ की उम्मीद है। वैसे आपरेशन के पहले पुलिस ने जवाहरबाग सत्याग्रहियों की बदायूं और बरेली में फैली जड़ें काटने की तैयारी थी

    लखनऊ(जेएनएन)। मथुरा के जवाहर बाग कांड असलहा आपूर्ति करने वालों का सुराग मिलने के बाद मामले में निर्णायक मोड़ आने की उम्मीद है। वैसे आपरेशन शुरू होने के पहले पुलिस ने जवाहरबाग सत्याग्रहियों की बदायूं और बरेली में फैली जड़ें काटने की तैयारी थी लेकिन उसे अपेक्षित सहयोग नहीं मिला था। उल्लेखनीय है कि दो जून के आपरेशन के बाद पुलिस को जवाहरबाग में बड़ी मात्रा में गोला-बारूद और हिथयार मिले थे। रामवृक्ष का सहयोग करने वालों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार और मध्यप्रदेश के लोग थे। रालोद ने मामले के दोषियों पर कड़ाई से कार्रवाई की मांग की है।

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    रालोद ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा

    राष्ट्रीय लोकदल ने यूपीएसआइडीसी की सैकड़ों एकड़ जमीन से अवैध कब्जे हटाने की मांग का ज्ञापन राज्यपाल राम नाईक को सौंपा। गुरुवार को प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान की अगुवाई में राजभवन पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में डा. मसूद अहमद, शिवकरन सिंह, अनिल दुबे, राकेश कुमार सिंह मुन्ना, वसीम हैदर और रमावती तिवारी शामिल थे। मथुरा कांड को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए रालोद नेताओं ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। आरोप लगाया कि एक संस्था विशेष से जुड़े लोगों का जवाहर बाग के अलावा सरकार की सैकड़ों एकड़ जमीन पर भी अवैध कब्जा है। अधिग्रहण कानून के मुताबिक यदि पांच वर्षों तक कोई उद्योग स्थापित न हुआ हो तो उसे वापस किसानों को दे देने का प्रावधान है। रालोद नेताओं ने नियमानुसार किसानों को वापस करने व राष्ट्रीय राजमार्ग के उपमार्ग को कब्जामुक्त कराने की मांग की। वहां पेट्रोलपंप का निर्माण कराने के जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की पैरोकारी की और किसानों की स्थिति दयनीय देखते हुए किसान क्रेडिट कार्ड पर अवमुक्त ऋण माफ करने की मांग की। गन्ना किसानों का बकाया ब्याज सहित भुगतान कराने के लिए नियम बनाने पर जोर दिया। किसानों की फसल को वनरोज (नीलगाय) से होने वाली क्षति को रोकने के लिए प्रभावी कानून बनाने की मांग की।

    रामवृक्ष तक कैसे पहुंची असलहों की खेप

    मथुरा के जवाहर बाग घटना के बाद पुलिस को उपद्रवियों से 315 बोर के 45 तमंचे, 12 बोर के दो, 315 बोर की एक राइफल एक नंबरी, 315 बोर की चार राइफल, बंदूक भारी मात्रा में कारतूस बरामद किया था। अमूमन बिहार के मुंगेर और मध्यप्रदेश के कुछ जिलों में अवैध असलहों का कारोबार चलता है। उत्तर प्रदेश में भी गाजीपुर, आजमगढ़ समेत कई जिलों में अवैध असलहे बनाये जा रहे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाल में कई अवैध फैक्ट्रियां पकड़ी गयीं। एसटीएफ अपने अभिसूचना तंत्र से यह जानने में जुटी है कि ये असलहे कैसे आए। रामवृक्ष यादव के नेतृत्व में 11 जनवरी 2014 को कथित सत्याग्रहियों का एक जत्था मध्यप्रदेश के सागर जिले से निकला और 15 मार्च 2014 को मथुरा पहुंचा। रामवृक्ष की टीम ने रास्तों में अवैध असलहे जुटाए या फिर मथुरा पहुंचने के बाद रार छिडऩे पर इन असलहों का इंतजाम किया गया। रामवृक्ष टीम में पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार और मध्यप्रदेश के लोग भी शामिल थे। शक की सुई इन पर भी है। असलहा आपूर्ति करने वालों का सुराग मिलने के बाद इस मामले में निर्णायक मोड़ आने की उम्मीद है।

    मदद मांगकर खामोश रह गई थी मथुरा पुलिस

    जवाहरबाग को खाली कराने से पहले ही सत्याग्रहियों की बदायूं और बरेली में फैली जड़ें काटने की तैयारी थी। रामवृक्ष और उसके साथियों को दबोचने के लिए मथुरा पुलिस ने आइजी से संपर्क किया था। आइजी के निर्देश जिलों तक भी पहुंचे, लेकिन तीनों जिलों की पुलिस के बीच समन्वय न होने के चलते सर्च ऑपरेशन की तैयारियां धरी रह गईं थीं। सूत्रों के अनुसार मथुरा के पुलिस प्रशासन के पास रामवृक्ष और उसके साथियों के आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी थी। एक दर्जन से ज्यादा लोग बरेली रेंज के बदायूं, बरेली, शाहजहांपुर के थे। इनकी तलाश के लिए मथुरा पुलिस बदायूं और अन्य जिलों में बड़ा सर्च ऑपरेशन चलाने वाली थी। मामला बड़ा होने पर उसने जिलों से भी पुलिस बल मुहैया कराने के लिए आइजी से सहयोग की गुजारिश की थी। आइजी विजय सिंह मीना ने बदायूं और बरेली के पुलिस अधीक्षकों को इस बावत निर्देश दिए थे। जिलों की पुलिस के बीच ही समन्वय नहीं हो सका और बाद में किसी कारण से सर्च ऑपरेशन ही टल गया।

    गोदाम का तोड़ा ताला, 156 कट्टे निकली खाद

    बदायूं के राकेश बाबू गुप्ता मथुरा के जवाहरबाग कांड के मुख्य आरोपियों में शामिल है। दातागंज ब्लॉक के साधन सहकारी प्रसिद्धपुर का प्रभारी सचिव राकेश बाबू गुप्ता को बिना किसी सूचना के गायब होने के आरोप में निलंबित किया जा चुका है। डीएम ने तहसीलदार दातागंज के नेतृत्व में टीम गठित कराकर जांच शुरू करा दी है। तहसीलदार के अवकाश पर होने के चलते नायब तहसीलदार सोहनलाल जिला सहकारी बैंक बदायूं और दातागंज के शाखा प्रबंधकों के साथ गुरुवार को दोपहर करीब दो बजे प्रसिद्धपुर समिति पहुंचे। गोदाम का ताला तोड़ा गया। गोदाम में यूरिया खाद के 156 कट्टे मिले। गोदाम में मिले रिकार्ड को भी उन्होंने सील करवा दिया। इसकी विधिवत जांच की जाएगी।