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    यूपीएसआइडीसी नहीं रद करेगी भूखंड आवंटन

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Wed, 14 Jun 2017 10:45 PM (IST)

    उप्र राज्य औद्योगिक विकास निगम (यूपीएसआइडीसी) ने उद्योग लगाने के लिए भूखंड आवंटन व समय विस्तार नीति को मंजूर दे दी है। ...और पढ़ें

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    यूपीएसआइडीसी नहीं रद करेगी भूखंड आवंटन

    कानपुर (जेएनएन)। उप्र राज्य औद्योगिक विकास निगम (यूपीएसआइडीसी) ने उद्योग लगाने के लिए भूखंड आवंटन व समय विस्तार नीति को मंजूर दे दी है। औद्योगिक भूखंडों के समर्पण की नई नीति को भी स्वीकृति मिल गई है। एमडी रणवीर प्रसाद के निर्देश पर इसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। ऐसे आवंटी जिन्होंने पांच वर्ष पहले भूखंड लिया था और इकाई स्थापित नहीं कर सके हैं उन्हें 31 अगस्त, 2017 से एक साल का और समय मिलेगा। इस अवधि में भी यदि वे इकाई नहीं लगा पाते तो उनका आवंटन रद होगा। जिनके आवंटन की अवधि पांच वर्ष पूरी नहीं हुई है वे 31 सितंबर 2017 तक एक साल के लिए समय विस्तार के लिए आवेदन कर सकते हैं। हालांकि उन्हें हर हाल में एक साल में इकाई लगानी ही होगी। ऐसे आवंटी जिन्होंने अभी तक लीज डीड नहीं कराई उन्हें 30 सितंबर 2017 तक समय विस्तारण शुल्क जमा करके इसे कराना होगा।

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    अब भूखंड ट्रांसफर नहीं होंगे

    यूपीएसआइडीसी से भूखंड लेने वाले आवंटी अगर उसे बेचना चाहते हैं तो 31 अगस्त तक बेच सकते हैं। जो व्यक्ति भूखंड खरीदेगा उसे एक साल के अंदर औद्योगिक इकाई की स्थापना करनी होगी। शर्त का उल्लंघन करने में भूखंड आवंटन रद कर दिया जाएगा। 

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    इनके भूखंड होंगे रद

    ऐसे आवंटी जिनके भूखंड के आवंटन का समय पांच वर्ष से ज्यादा हो गया है और समय विस्तार तारीख तक उद्योग नहीं लगा सके उनके आवंटन रद कर दिए जाएंगे। प्रबंध निदेशक यूपीएसआइडीसी रणवीर प्रसाद ने बताया कि नई नीति का पालन अब सख्ती से कराया जाएगा। जो लोग इसका पालन नहीं करेंगे उनके आवंटन रद किए जाएंगे।

    नई शर्तें भी

    • अब जिन लोगों को भूखंड आवंटित किए जाएंगे उन्हें नई शर्तों का पालन करना होगा। निर्धारित समय सीमा के अंदर उद्योग लगाना होगा।
    • 25 करोड़ तक के पूंजी निवेश वाली इकाई दो साल में लग जानी चाहिए।
    • 25 से ऊपर 50 करोड़ तक के निवेश वाली इकाई की स्थापना को तीन साल का समय मिलेगा। 
    • 50 से से ऊपर सौ करोड़ तक के निवेश वाली इकाई की स्थापना के लिए चार साल का समय।
    • सौ करोड़ से अधिक के निवेश वाली इकाई की स्थापना के लिए पांच साल तक का समय दिया जाएगा।