निर्यात नीति बनाने की तैयारी में उत्तर प्रदेश सरकार
लखनऊ (राजीव दीक्षित)। बीते दो वर्ष के दौरान निर्यात में आये उछाल से उत्साहित सरकार अब निर्यात नीति ब
लखनऊ (राजीव दीक्षित)। बीते दो वर्ष के दौरान निर्यात में आये उछाल से उत्साहित उत्तर प्रदेश सरकार अब निर्यात नीति बनाने में जुट गई है। नीति का प्रारूप तैयार करने के लिए शासन ने कृषि उत्पादन आयुक्त (एपीसी) वीएन गर्ग की अध्यक्षता में अंतरविभागीय समिति गठित कर दी है। लघु उद्योग विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी व साफ्टवेयर उत्पादों के लिए आइटी एवं इलेक्ट्रानिक्स, खाद्य व मांस प्रसंस्करण तथा कृषि उत्पादन आयुक्त शाखा आदि सेक्टरों के लिए कृषि विपणन एवं विदेश व्यापार को नोडल विभाग बनाया गया है।
हाल ही में समिति की बैठक हुई जिसमें फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन की ओर से उप्र में निर्यात वृद्धि को लेकर अध्ययन रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। इसके आधार पर विभिन्न सेक्टरों में निर्यात की संभावनाओं के साथ उनसे जुड़े ऐसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई जिन पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है। बैठक में यह तय हुआ है कि निर्यात से जुड़े विभिन्न सेक्टरों के निर्यातकों और उनके संगठनों के साथ संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव/सचिव की अध्यक्षता में एक संवाद सत्र आयोजित किया जाए। संवाद सत्र में संबंधित सेक्टरों में निर्यात की स्थिति और सेक्टर के लिए केंद्र सरकर द्वारा दी जा रहीं सुविधाओं पर चर्चा होगी। विभिन्न सेक्टरों के उत्पादों के निर्यात से जुड़े मुद्दे जैसे डिजाइन विकास, अवस्थापना सुविधाएं, कौशल विकास, उत्पादों की पैकेजिंग और उनका मानकीकरण, उत्पादों के परीक्षण के लिए टेस्टिंग लैब आदि की सुविधाओं जैसे मसलों पर भी विचार विमर्श होगा। निदेशक मंडी से जैविक कृषि के उत्पादों की निर्यात की संभावनाएं पता लगाने को कहा गया है। यह कवायद पूरी होने पर संबंधित प्रमुख सचिव/सचिव द्वारा कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति के सामने निर्यात की संभावनाओं पर प्रस्तुतीकरण किया जाएगा जिसके आधार पर निर्यात नीति के प्रारूप को अंतिम रूप दिया जाएगा।
इनके निर्यात पर होगा जोर
नोएडा के रेडीमेड गारमेंट्स व इलेक्ट्रानिक्स कंपोनेंट, ग्रेटर नोएडा के खिलौने, गाजियाबाद के आटो कंपोनेंट व गैल्वेनाइज्ड स्टील, कानपुर व आगरा के चमड़ा उत्पाद, भदोही व मीरजापुर के कालीन और दरियां, मुरादाबाद के पीतल व फीरोजाबाद के कांच तथा खुर्जा के चीनी मिट्टी के हस्तशिल्प, बनारसी साड़ियां, लखनवी चिकन व जरदोजी, मलिहाबाद के दशहरी आम, सहारनपुर के लकड़ी के उत्पाद, मेरठ के खेल के सामान, मेरठ व बरेली का मांस प्रसंस्करण और मुजफ्फरनगर का चीनी उद्योग।
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