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    उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष राम आसरे विश्वकर्मा का इस्तीफा

    By Dharmendra PandeyEdited By:
    Updated: Sun, 09 Apr 2017 11:22 AM (IST)

    राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष राम आसरे विश्वकर्मा ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया। मुख्य सचिव राहुल भटनागर को सौंपे इस्तीफे में निजी कारणों से पद छोडऩे की बात कही गई है।

    उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष राम आसरे विश्वकर्मा का इस्तीफा

    लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश की हुकूमत पर भाजपा के काबिज होने के बाद समाजवादी सरकार में गठित आयोगों के अध्यक्षों केइस्तीफे का सिलसिला जारी है। कल राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष राम आसरे विश्वकर्मा ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया। 

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    मुख्य सचिव राहुल भटनागर को सौंपे इस्तीफे में निजी कारणों से पद छोडऩे की बात कही गई है। यह इस्तीफा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योकि केंद्र की सरकार पिछड़ा वर्ग आयोग को सांविधानिक दर्जा की कवायद में जुटी है। अप्रैल 2013 में अखिलेश यादव सरकार ने पिछड़े वर्ग में पैठ रखने वाले राम आसरे विश्वकर्मा को राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया था। 

    इस आयोग को प्रभावशाली बनाने के लिए दो उपाध्यक्ष व 25 सदस्यों की भी तैनाती की गई थी। विधानसभा चुनाव में सपा की हार व भाजपा के सत्ता संभालने के बाद ही राम आसरे विश्वकर्मा को पद छोड़ देने का संकेत मिला था। कल विश्वकर्मा ने मुख्य सचिव राहुल भटनागर से मुलाकात कर उन्हें इस्तीफा सौंप दिया। उपाध्यक्ष व सदस्यों को इस्तीफा देने के लिए कह दिया गया है। ध्यान रहे, विश्वकर्मा ने गत दिनों केंद्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष को लिखे पत्र में निजी क्षेत्र की कंपनियों में पिछड़े वर्ग को आरक्षण देने की मांग उठाई थी। क्रीमीलेयर सीमा आठ से बढ़ाकर दस लाख की संस्तुति प्रदेश सरकार से की थी। ध्यान रहे, इससे पहले विधि आयोग के चेयरमैन न्यायमूर्ति रविन्द्र सिंह, अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के अध्यक्ष राजकिशोर यादव इस्तीफा दे चुके हैं। 

    कई आयोग अभी कार्यरत

    समाजवादी सरकार में गठित राज्य महिला आयोग, अनुसूचित जाति जनजाति आयोग और राज्य बाल आयोग के अध्यक्ष व सदस्य अपने पदों पर कार्यरत हैैं। राज्य बाल आयोग की अध्यक्ष जूही सिंह समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता की भूमिका का निवर्हन भी कर रही हैैं जबकि महिला आयोग की अध्यक्ष जरीना उस्मानी प्रदेश के एक वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी के खिलाफ दुष्कर्म की एफआइआर लिखाने को लेकर विवादित हुई थीं। अल्पसंख्यक कल्याण आयोग के अध्यक्ष शकील अहमद लंबे समय से बीमार चल रहे हैैं।