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    नरेंद्र मोदी तथा राहुल गांधी में कोई अंतर नहीं : अन्ना हजारे

    By Dharmendra PandeyEdited By:
    Updated: Thu, 26 Feb 2015 09:03 PM (IST)

    लोकपाल बिल लाने के पक्षधर तथा समाजसेवी अन्ना हजारे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी में कोई अंतर नजर नहीं आता है। बिजनौर में आज एक संगोष्ठी में शिरकत करने आए अन्ना हजारे में माना कि पीएम मोदी को उनसे एलर्जी है।

    लखनऊ। लोकपाल बिल लाने के पक्षधर तथा समाजसेवी अन्ना हजारे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी में कोई अंतर नजर नहीं आता है। बिजनौर में आज एक संगोष्ठी में शिरकत करने आए अन्ना हजारे में माना कि पीएम मोदी को उनसे एलर्जी है।

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    बिजनौर के जीवन विद्या प्रतिष्ठान गोविंदपुर खारी में वार्षिकोत्सव 'मंथन' के समापन पर आयोजित गोष्ठी में अन्ना हजारे ने कहा देश में बदलाव की शुरुआत युवा ही कर सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी में कोई अंतर नहीं है, दोनों सिर्फ उद्योगपतियों के लिए काम करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मेरे नाम, मेरी सूरत से एलर्जी है। मेरा काम जनता की आवाज उठाना है और सरकार के गलत कामों का विरोध करना। यह मैं करता रहूंगा। अन्ना ने केन्द्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जिन उम्मीदों से आई थी वे पूरी तरह धराशायी हो गई है। सरकार अपना कोई भी वादा पूरा नहीं कर पा रही है। अन्ना ने कहा कि राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी में कोई अंतर नहीं है, दोनों जनता के लिए नहीं सिर्फ उद्योगपतियों के लिए काम करते हैं। मोदी को मेरे नाम की एलर्जी हो गई है। अन्ना ने भूमि अधिग्रहण बिल का विरोध करते हुए कहा कि किसान मालिक है। उसकी मर्जी के बिना उसकी भूमि को कोई नहीं ले सकता। केंद्र सरकार अध्यादेश लाकर लोकतंत्र को खत्म करने पर तुली है।

    गांधीवादी समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा कि देश को बदलना है तो गांव को बदलना होगा। विदेशी कंपनियां भारत की प्रकृति एवं मानवता का दोहन कर रही हैं। अन्ना हजारे ने कहा कि युवा ही देश को बदल सकते हैं। गांव और राष्ट्र को मंदिर बनाकर उसमें रह रहे लोगों की सेवा का लक्ष्य निर्धारित करने से ही प्रगति की राह खुलेगी। उन्होंने युवाओं और देश के लोगों से निष्काम भाव से सेवा करने का आह्वान करते हुए कहा कि युवाओं को सद्विचार ग्रहण करके उन पर अमल करना होगा, अपना लक्ष्य निर्धारित करना होगा। लालच त्यागना होगा, चरित्र बेदाग रखना होगा। यदि मौत के बाद जीना है तो फिर समाज और राष्ट्र के लिए काम करो, लोगों के दिलों में हमेशा जिंदा रहोगे, नहीं तो मरने के बाद कोई याद नहीं करेगा।

    उन्होंने कहा कि विदेशी कंपनियों की देश में जरूरत नहीं है। देश को बदलने का सबसे अच्छा रास्ता है गांव को बदलो। केंद्र सरकार लोकतंत्र का गला घोटने का प्रयास कर रही है। अन्ना ने कहा कि केंद्र सरकार आम लोगों से धोखा कर रही है। जनतंत्र का गला घोंटने का प्रयास किया जा रहा है। मैंने भूमि अधिग्रहण बिल का विरोध किया तो सरकार की आंखों में खटकने लगा।

    इससे पहले विख्यात चिंतक एवं पूर्व भाजपा नेता गोविंदाचार्य ने कहा युवाओं को नारे लगाना आसान है, लेकिन उन पर क्रियान्वयन करना मुश्किल। देश को विकास की गति पर ले जाना है तो सभी को एक साथ एक दिशा में ताकत लगानी होगी। विदेशी ताकतें हमारे देश को खोखला कर रही हैं। उन्होंने विदेशी का बहिष्कार कर स्वदेशी पर अपनाने का बल दिया।