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    ...तब समझ में आया सर्जिकल स्ट्राइक का अर्थ : अखिलेश

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Sat, 29 Oct 2016 06:31 PM (IST)

    सर्जिकल स्ट्राइक को जानने के लिए गूगल सर्च किया। फिर कुछ दिनों बाद अखबारों में छपा कि मुख्यमंत्री ने भी सर्जिकल स्ट्राइक कर दी, तब अर्थ समझ में आया।

    लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। सर्जिकल स्ट्राइक के बहाने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज जहां भाजपा व बसपा पर तंज किया, वहीं परिवार में चल रही वर्चस्व की लड़ाई पर भी टिप्पणी कर दी।

    लखनऊ में एक समारोह के मौके पर मुख्यमंत्री सर्जिकल स्ट्राइक के बहाने पार्टी के बाहर-भीतर के विरोधियों पर तीर चलाने से नहीं चूके। कहा, अखबारों में जब सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में पढ़ा तो मतलब जानने के लिए गूगल पर सर्च किया। फिर कुछ दिनों बाद जब अखबारों में छपा कि मुख्यमंत्री ने भी सर्जिकल स्ट्राइक कर दी, तब उन्हें वास्तविक अर्थ समझ में आया। दरअसल, मुख्यमंत्री द्वारा चार मंत्रियों को निकाले जाने पर अखबारों ने सोशल मीडिया की सक्रियता के हवाले से इस कार्रवाई को भी सर्जिकल स्ट्राइक नाम दिया था।

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    मुख्यमंत्री ने जहां मोदी सरकार पर तंज किया, वहीं परिवार की कलह में भी अपने तेवरों का अहसास कराया। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का नाम लिए बगैर उनकी इटावा यात्रा का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस हवाई पट्टी पर वह उतरे, वह सपा सरकार ने बनवाई। जिस मंच से भाजपा नेता सपा सरकार को कोस रहे थे, उसके पीछे ही गुजरात से लाये गए बबर शेर भी थे, जिन्होंने हाल ही में दो शावकों को जन्म दिया। शाह उनका हालचाल पूछे बिना चले गए।

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    मुख्यमंत्री ने कहा भाजपाइयों से दूर रहना। ये वे लोग हैं पिछले चुनाव में जिनका हर भाषण भारत माता की जय से खत्म होता था। सोच लीजिए कि इस बार उनका भाषण कहां खत्म होगा। ध्यान रहे कि इस बार लखनऊ आने पर मोदी ने भारत माता की जय के बजाय जय श्रीराम का नारा लगाया था। बसपा सुप्रीमो मायावती पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने पूछा कि क्या किसी ने जिंदा रहते अपनी मूर्ति लगवायी? फिर कहा उन्हें तो कभी अपनी मूर्ति लगाने का ख्याल नहीं आया लेकिन बुआ ने जिंदा रहते जरूर अपनी मूर्ति लगवा दी।