यूपी इलेक्शन 2017: जानिए, उत्तर प्रदेश विधानसभा की वर्तमान स्थिति
9 नवम्बर, 2000 को उप्र राज्य के पुनर्गठन एवं उत्तराखण्ड के गठन के पश्चात् विधान सभा की सदस्य संख्या 403 निर्वाचित एवं एक आंग्ल भारतीय समुदाय के मनोनीत सदस्य हो गई है।
लखऩऊ [आशीष मिश्र] । उत्तर प्रदेश विधान सभा द्विसदनीय विधान मण्डल का निचला सदन है। इसमें 403 निर्वाचित सदस्य तथा राज्यपाल द्वारा मनोनीत एक आंग्ल भारतीय सदस्य होते हैं। उ०प्र० विधान परिषद में कुल 100 सदस्य हैं। वर्ष 1967 तक एक आंग्ल भारतीय सदस्य को सम्मिलित करते हुए विधान सभा की कुल सदस्य संख्या 431 थी। वर्ष 1967 के पश्चात् विधान सभा की कुल सदस्य संख्या 426 हो गई। 9 नवम्बर, 2000 को उ०प्र० राज्य के पुनर्गठन एवं उत्तराखण्ड के गठन के पश्चात् विधान सभा की सदस्य संख्या 403 निर्वाचित एवं एक आंग्ल भारतीय समुदाय के मनोनीत सदस्य को सम्मिलित करते हुए कुल 404 हो गई है। विधान सभा का कार्यकाल कुल 5 वर्ष का होता है यदि वह इसके पूर्व विघटित न हो गई हो। प्रथम विधान सभा का गठन 8 मार्च, 1952 को हुआ था। तब से इसका गठन सोलह बार हो चुका है। वर्तमान सोलहवीं विधान सभा का गठन 8 मार्च, 2012 को हुआ था।
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प्रथम सत्र तथा प्रत्येक वर्ष के प्रथम सत्र के आरम्भ में राज्यपाल विधान मण्डल के एक साथ समवेत दोनों सदनों को सम्बोधित करते हैं। तदुपरांत आवश्यकतानुसार राज्यपाल पुनः विधान मण्डल को आहूत करते हैं। अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का निर्वाचन मा0 सदस्य स्वयं में से करते हैं। उत्तर प्रदेश विधान सभा एवं विधान परिषद के सदन (भवन) ऐतिहासिक नगरी लखनऊ में स्थित है। अखिलेश यादव 15 मार्च, 2012 से प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं नेता, सदन हैं। माता प्रसाद पाण्डेय 13 अप्रैल, 2012 से अध्यक्ष, विधान सभा हैं तथा 16 मार्च 2012 से 26 जून 2016 तक स्वामी प्रसाद मौर्य इसके बाद 27 जून, 2016 से गयाचरण दिनकर नेता, प्रतिपक्ष हैं।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में फिलहाल समाजवादी पार्टी की मेजोरिटी सरकार है और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री हैं। यूपी में पार्टियों के पास हैं इतने सिटिंग एमएलए-
कुल सीट: 403
समाजवादी पार्टी- 203
बहुजन समाज पार्टी- 80
भारतीय जनता पार्टी- 40,
कांग्रेस- 28
राष्ट्रीय लोकदल के पास- 8
पीस पार्टी- 4
अन्य- 11
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